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CG IAS Transfer : गुरूजी को जपं सीईओ बनाने वाले कलेक्टर के साथ विवादों में रही महिला कलेक्टर भी हटाई गई

Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में सोमवार को 6 IAS अधिकारियों का ट्रांसफर (CG IAS Transfer) किया है। तीन जिलों के कलेक्टर बदल दिए गए हैं। इनमें हाल ही में विवादों में आई गौरेला-पेंड्रा–मरवाही की कलेक्टर रही प्रियंका महोबिया को हटाकर उन्हें संचालक पंचायत विभाग बनाया गया है।

वहीं, सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर कुमार लाल चौहान बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के नए कलेक्टर बनाए गए हैं। वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के एमडी धर्मेश कुमार साहू सारंगढ़-बिलाईगढ़ के नए कलेक्टर होंगे। बता दें कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के कलेक्टर केएल चौहान पिछले दिनों सुर्खियों में तब आए, जब उन्होंने आत्मानंद स्कूल के शिक्षक को जनपद पंचायत सीईओ का प्रभार देने का आदेश जारी किया था।

मीडिया में मामला सामने आने के बाद मंत्रालय से फटकार मिलने के बाद कलेक्टर को अपना आदेश 24 घंटे के भीतर ही निरस्त करना पड़ा था। वहीं कलेक्टर की इस मनमानी (CG IAS Transfer) की वजह से सरकार नाराज थी। नाराजगी के कारण ही दो महीने में कलेक्टर को हटा दिया गया है। बता दें कि पिछले साल ही अस्तित्व में आए सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में तीन कलेक्टरों का तबादला (CG IAS Transfer) हो चुका है।

सबसे पहले इस जिले की कमान आईएएस डी राहुल वेंकट को सौंपी गई थी, लेकिन तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ पटरी नहीं जमने के कारण उन्हें दो महीने के भीतर ही हटाया गया था। इसके बाद प्रमोटी आईएएस डॉ. फरिहा आलम को जिम्मेदारी दी गई, लेकिन इनका भी कार्यकाल कुछ ही महीनों का रहा।

सूबे की सत्ता में परिवर्तन होने के बाद 84 से ज्यादा आईएएस अफसरों का तबादला (CG IAS Transfer)किया। इनमें सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की तत्कालीन कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम  भी रही। इसके बाद केएल चौहान को कलेक्टर बनाकर भेजा गया था, लेकिन बमुश्किल इनका कार्यकाल यहां दो महीने से ज्यादा का नहीं रहा। इसकी वजह शिक्षक को जपं सीईओ बनाने की वजह बताई जा रही है।

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