IND vs ENG 4th Test : भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट मैच में पांच विकेट से जीत हासिल की. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज में 3-1 की बढ़त ले ली है. सीरीज जीत के साथ ही भारतीय टीम ने इंग्लैंड की ‘बैजबॉल’ (Bazball) शैली को भी नाकाम साबित कर दिया. पिछले दो साल से इंग्लैंड की जीत का मंत्र साबित हुई इस शैली की अब आलोचना शुरू हो चुकी है.
ब्रैंडन मैक्कुलम के कोच और बेन स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद से हर हालात में आक्रामक खेल की इंग्लैंड की रणनीति को ‘बैजबॉल’ (Bazball) कहा जाता है. भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है और इसकी सूत्रधार भारत की युवा ब्रिगेड रही. इंग्लैंड ने हैदराबाद टेस्ट में भले ही टॉम हार्टले के दम पर भारत को पराजित किया. लेकिन उसके बाद उसके ‘बैजबॉल’ गेम की हवा निकल गई.
उदाहरण के लिए रांची टेस्ट में इंग्लैंड की दूसरी पारी को ले सकते हैं. उस इनिंग्स में इंग्लैंड ने 53.5 ओवर में 145 रन बनाए और उसका रनरेट 2.69 रन प्रति ओवर रहा. कहने का मतलब है कि इंग्लैंड को भी आखिकार अंदाजा हो गया कि भारत में उसका ‘बैजबॉल’ (Bazball) गेम चलने वाला नही हैं. अब भारत ऐसी पहली टीम बन गई है जिसने ‘बैजबॉल’ एरा में इंग्लैंड के खिलाफ कोई टेस्ट सीरीज जीती.
टेस्ट सीरीज से पहले भारत को कुछ बड़े झटके लगे थे. विराट कोहली निजी कारणों और मोहम्मद शमी इंजरी के चलते टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए थे. फिर केएल राहुल भी बीच सीरीज में इंजर्ड हो गए. हालांकि इन झटकों से भारतीय टीम का मनोबल नहीं टूटा. रोहित शर्मा की अगुवाई में युवा खिलाड़ियों ने मिले मौकों को खूब भुनाया.
सरफराज खान, विकेटकीपर ध्रुव जुरेल और तेज गेंदबाज आकाश दीप ने डेब्यू सीरीज में अपनी छाप छोड़ी. सरफराज ने राजकोट में अपने डेब्यू पर दो अर्धशतकीय पारियां. वहीं जुरेल डेब्यू मैच में 46 रन बनाने के बाद रांची में गदर मचा दिया. जुरेल ने चौथे टेस्ट की पहली पारी में 90 और दूसरी में नाबाद 39 रन बनाए. आकाश दीप ने भी जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दी और रांची टेस्ट की पहली पारी में अंग्रेजों को शुरुआती झटके दिए.
युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल ने तो अटैकिंग बल्लेबाजी करके ‘बैजबॉल’ (Bazball) का जवाब दिया. यशस्वी 655 रन बना चुके हैं और वह धर्मशाला टेस्ट में सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं. अनुभवी खिलाड़ियों ने भी सभी चार मैचों में अहम योगदान दिया.
रोहित शर्मा ने एक शतकीय और एक अर्धशतकीय पारी खेली. वहीं शुभमन गिल ने बल्ले से जलवा दिखाया. रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव और आर. अश्विन के ऑलराउंड खेल की जितनी तारीफ की जाए वो कम है. जबकि मोहम्मद सिराज और खासकर जसप्रीत बुमराह ने गेंद से अंग्रेजों के होश उड़ा दिए.
मैक्कुलम को मई 2022 में इंग्लैंड की टेस्ट टीम का हेड कोच बनाया गया था. हेड कोच बनने के बाद उन्होंने इंग्लिश क्रिकेट में क्रांति ला दी है. मैक्कुलम की कोचिंग में इंग्लैंड टीम ने टेस्ट फॉर्मेट में भी तेजी से खेलना शुरू किया. मैक्कुलम को ‘बैजबॉल का जनक’ माना जाता है.
मैक्कुलम अपने समय में जब क्रिकेट खेलते थे तो वो अपने आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते थे. तब उनका निकनेम ‘बैज’ था. इसी निकनेम के साथ ‘बॉल’ को जोड़ते इंग्लैंड टीम ने ‘BazBall’ शब्द निकाला. यानी ‘बैजबॉल’ का मतलब मैक्कुलम का निकनेम और उनके खेलने के अंदाज से है.