Bonda Samadhan Shivir : बोंदा समाधान शिविर में लापरवाही उजागर, पर्यावरण और खनिज विभाग नदारद, ग्रामीणों की समस्याएं अनसुनी

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Baramkela News : छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला जनपद पंचायत (Bonda Samadhan Shivir)  के ग्राम पंचायत बोंदा में गुरुवार को आयोजित समाधान शिविर प्रशासनिक अव्यवस्था और विभागीय गैरहाजिरी का शिकार बन गया। शिविर में न तो पर्यावरण विभाग और न ही खनिज विभाग की उपस्थिति रही, जिससे अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे दर्जनों ग्रामीण भटकते नजर आए।

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गुरुवार को आयोजित समाधान शिविर ग्राम पंचायत बोंदा (Bonda Samadhan Shivir) के हाईस्कूल प्रागंण पर रखा गया। शिविर स्थल पर पर्यावरण, खनिज व मत्स्य विभाग के स्टाल ही नहीं लगे थे। ऐसे में अपनी समस्या लेकर पहुंचे ग्रामीणों को भटकना पडा और विभिन्न विभागों के लगे स्टालों में जाकर पूछताछ खोजने में लगे रहे।

आखिर में थक हार कर इस शिविर (Bonda Samadhan Shivir)  के पंजीयन स्टाल में जाकर फ्लाईऐश को अवैध रुप से डंप करने और भुगतान न करने की शिकायत ग्रामीणों ने की। किंतु पर्यावरण विभाग और खनिज विभाग की स्टाल ही नहीं था और न कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद रहे। मौके पर मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष संजय भूषण पाण्डेय से इसकी शिकायत की गई।

समाधान शिविर (Bonda Samadhan Shivir) बोंदा में ग्राम कटंगपाली अ के शत्रुघन पटेल, माधवलाल मिरी, उदय चंद मिरी, चंदन रात्रे, धरणीधर मिरी, टेकराम मिरी, मकुंदा मिरी, बैद्यनाथ पटेल, संजय कुर्रे आदि अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे। उनका कहना था कि तहसील सरिया के ग्राम कटंगपाली अ में तीन ट्रांसपोर्टर्स क्रमशः रायगढ़ मोटर्स, लाजिस्टिक रायगढ़ व जय श्री श्याम मोटर्स के द्वारा अडानी पावर लिमिटेड छोटे भंडार से फ्लाईऐश लाकर अवैध रुप से डंप किया जा रहा है।

इनके द्वारा प्रति टन 150/ रुपये हिसाब से प्रति 15 दिन में रकम देने और खेतों में 3 फीट मिट्टी डालकर समतलीकरण करके खेती करने लायक बनाने का दिलासा दिया गया था। किंतु पांच माह बीत जाने के बाद भी पैसे की भुगतान नहीं किया गया है और न ही मिट्टी डालकर समतलीकरण किया जा रहा है। इस तरह से अवैध तरीके से फ्लाईऐश डंप कराकर ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी करने का प्रयास किया गया है।

इस गंभीर समस्या का समाधान कराने की मांग ग्रामीणों ने की है। ग्रामीणों का कहना था कि मानसून नजदीक है और खेती किसानी कार्य प्रारंभ होगा लेकिन अवैध फ्लाईऐश डंप कर देने से परिवार के जीविकोपार्जन की समस्या होगी। विभाग का स्टाल न होने पर पीड़ित ग्रामीणों ने शिविर के पंजीयन स्टाल में देकर कार्रवाई की मांग की गई है।

खेतों में फ्लाई ऐश डंप, खेती करना हुआ मुश्किल (Bonda Samadhan Shivir)

कटंगपाली अ के शत्रुघ्न पटेल, माधवलाल मिरी, बैद्यनाथ पटेल और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अवैध रूप से खेतों में फ्लाई ऐश डंप किया गया है, जिससे बारिश के मौसम में खेती असंभव हो जाएगी। पर्यावरण विभाग के स्टाल की गैरमौजूदगी के चलते ग्रामीणों को अंत में पंजीयन स्टाल में जाकर शिकायत दर्ज करानी पड़ी। मौके पर मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष संजय भूषण पाण्डेय ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह मामला सामान्य सभा में उठाया जाएगा।

न पंखे, न पानी, उमस से परेशान हुए लोग (Bonda Samadhan Shivir)

समाधान शिविर (Bonda Samadhan Shivir) बोंदा में प्रशासन की लापरवाही व अव्यवस्था का आलम रहा। मंच पर ही कूलर लगाये गए थे। किंतु मंच के सामने दर्शक दीर्घा और जनपद पंचायत बरमकेला के विभिन्न विभागों के स्टालों में कूलर तो दूर एक पंखे की व्यवस्था नहीं था। चूंकि गुरुवार को बदली छाए रहने के कारण उपस्थित लोगों को भारी उमस भरे गर्मी का सामना करना पड़ा। यहां तक कि शिविर एक घंटे पहले से ही खाली हो गया । पानी पाउच की खाली पाउच शिविर स्थल पर यत्र – तत्र बिखरे हुए पडे थे। इससे भी परेशानी हुई।

ग्रामीणों की आवाज़ अनसुनी क्यों (Bonda Samadhan Shivir)

कटंगपाली अ जैसे गांवों में जब कंपनियां खेतों को उपयोग में लाने के नाम पर फ्लाई ऐश डंप करती हैं, तो उसका सीधा असर पर्यावरण और कृषि भूमि पर होता है। भुगतान न मिलने और समतलीकरण के वादे अधूरे रहने से ग्रामीणों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ गया है। यह सिर्फ अव्यवस्था नहीं, विकास की विफलता है। समाधान शिविर का उद्देश्य ही तभी पूरा होगा, जब विभागीय ज़िम्मेदारी तय हो और पीड़ितों को न्याय मिले।

खनन पर नहीं लगी लगाम

खनिज विभाग की अनुपस्थिति ने एक बार फिर अवैध खनन की शिकायतों को हवा दे दी है। ग्राम पंचायत बिलाईगढ़ अ में बिना लीज के डोलोमाइट का उत्खनन शासकीय भूमि पर किया जा रहा है। जब शिविर जैसी व्यवस्थाओं में ही अधिकारी नहीं आएंगे, तो ग्रामीणों को न्याय कैसे मिलेगा? शासन को चाहिए कि ऐसी शिकायतों पर स्थलीय जांच कर तत्काल कार्रवाई की जाए।

 

 

 

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