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No Road No Vote : विस चुनाव का बहिष्कार! ग्रामीण बोले- हम समस्याओं से त्रस्त, जीतने के बाद पलट कर नहीं देखते हैं तो वोट क्यों दें

Baramkela News : छत्तीसगढ़ में 2023 विधानसभा चुनाव (No Road No Vote) की डूगडुगी बज चुकी है। भले ही अभी केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन नवंबर और दिसंबर के बीच दो फेस में वोटिंग होने की पूरी संभावना है। इसे देखते हुए बीजेपी ने 21 सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दी है। जबकि कांग्रेस में संभावित उम्मीदवारों से आवेदन लेने की प्रक्रिया जारी है।

इधर, चुनाव का बिगुल बजते ही पिछले पांच सालों से जिन्होंने विधायक का चेहरा तक नहीं देखा और अपनी समस्याओं को लेकर त्रस्त हैं। उनका गुस्सा भी अब सामने आने लगी है। ऐसा ही एक छत्तीसगढ़ के सारंगढ-बिलाईगढ़ जिले के सारंगढ़ विधानसभा का गांव है। यहां के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार (No Road No Vote) का ऐलान कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में विकास नहीं होते और सड़क तक नहीं बन पा रही है। तो वह अपने मताधिकार का उपयोग क्यों करें।

बरमकेला ब्लाॅक मुख्यालय से महज 10 किमी दूर स्थित ग्राम जटियापाली में पक्की सड़क नहीं होने से वहां के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में नेताओं और सभी पार्टियों का बहिष्कार (No Road No Vote) करने का फैसला लिया है। ग्रामीणों ने बताया कि रास्ता बेहद खराब है। रास्ते में हर रोज सैकड़ों लोग आना जाना करते हैं। जगह जगह गड्ढे बने हुए हैं। अक्सर लोग इन्हीं में गिरकर चोटिल हो जाते हैं। पिछले दिनों हो रही बारिश से रास्ते पर कीचड़ के कारण आना जाना मुश्किल हो गया है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

वहीं गांव के विद्यार्थी भी कीचड़ भरी सड़कों पर चलकर 5 किलोमीटर दूर लेन्धरा स्कूल पढ़ने जाते हैं। गांव में अगर किसी व्यक्ति की तबीयत अधिक खराब हो जाती है तो, उसे अस्पताल तक पहुंचाने एंबुलेस भी समय पर नहीं पहुंच पाती। रोगियों को दो पहिया वाहनों से अस्पताल पहुँचाया जाता है। लोगों को पैदल तक चलना मुश्किल हो गया है। आजादी के 77 साल बीतने के बाद और सरकार की पीएमजीएसवाई और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क जैसी योजना के बाद भी यहां पक्की सड़क नहीं बन सकी है।

वोट लेने के बाद किसी ने भी मुड़कर समस्या नहीं देखी ग्राम जटियापाली के लोगों ने इसे ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव की लापरवाही भी बताया। जिस कारण आज ग्रामीणों और राहगीरों को इतनी परेशानियां हो रही है। अगर चाहते तो मनरेगा से मिट्टी-मुरूम का कार्य करा सकते थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद साहब कुंभकरण की नींद सो रहे हैं।

इधर जनता परेशान है। जनप्रतिनिधि भी वोट (No Road No Vote) लेने के बाद इस गांव की ओर दोबारा मुड़कर नहीं देखे। ग्रामीणों ने स्थानीय नेताओं और विधायक के खिलाफ भी नाराजगी जाहिर की और कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में चुनाव का बहिष्कार (No Road No Vote) करेंगे। कई बार सड़क बनवाने को लेकर सरपंच और जनप्रतिनिधियों से मांग की गई। लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब हम सभी ग्रामीणों ने मिलकर निर्णय लिया है। कि जब रोड नहीं बनेगी हम लोग किसी भी पार्टी को वोट नहीं करेंगे।

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