Chhattisgarh

High Court Bilaspur : जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों की सेवा समाप्ति पर हाईकोर्ट का आया बड़ा फैसला

CG NEWS : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (High Court Bilaspur) ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर दिया है और उन्हें सेवा में बहाल करने के निर्देश दिए हैं। यह महत्वपूर्ण फैसला न्यायमूर्ति ए. के. प्रसाद की एकलपीठ ने सुनाया।

मामला वर्ष 2014 में जिला सहकारी बैंक द्वारा विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन से जुड़ा है। याचिकाकर्ता पंकज कुमार तिवारी ने संस्था प्रबंधक पद हेतु आवेदन किया था। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद फरवरी 2015 में उन्हें नियुक्ति पत्र जारी हुआ और मार्च 2015 में उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया।

भर्ती प्रक्रिया में शिकायतें मिलने पर एक जांच समिति गठित की गई, जिसके आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी हुआ। नोटिस का जवाब देने के बावजूद 23 नवंबर 2015 को उनकी सेवा समाप्त कर दी गई।

इस फैसले के खिलाफ पंकज तिवारी ने संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर के समक्ष वाद दायर किया, परंतु आदेश उनके खिलाफ आया। अपील राज्य सहकारी अधिकरण बिलासपुर में भी अस्वीकृत हुई, जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट बिलासपुर (High Court Bilaspur) का रुख किया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं मतीन सिद्दीकी और घनश्याम कश्यप ने दलील दी कि जांच एकतरफा थी और उचित सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। साथ ही, यह भी तर्क रखा गया कि जांच रिपोर्ट जिस पर सेवा समाप्ति आधारित थी, उसे शुरू करने का अधिकार संबंधित जांच अधिकारी को नहीं था।

अदालत ने पाया कि बैंक शिकायतकर्ता की शिकायत को प्रमाणित नहीं कर पाया था और नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान याचिकाकर्ता ने समस्त औपचारिकताएं पूर्ण की थीं।

उक्त तथ्यों के मद्देनजर हाई कोर्ट (High Court Bilaspur) ने न केवल पंकज कुमार तिवारी, बल्कि मोहम्मद इमरान खान, चंदन प्रताप सिंह, सीमा देवांगन, चंचल कुमार दुबे, चंद्रशेखर कुर्रे, लेखा कश्यप, भूपेंद्र राठौर, नरेंद्र कुमार मिश्रा, अमित पटेल सहित अन्य कर्मचारियों के सेवा समाप्ति आदेश को भी निरस्त कर दिया और उन्हें सेवा में बहाल करने के निर्देश दिए। इस ऐतिहासिक फैसले से प्रभावित कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

 

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