राजनीति

Equal Votes : चुनाव में अगर दो उम्मीदवारों के वोट समान हुए तो जीत किसकी? जानिए क्या है नियम

Chhattisgarh Election 2023 : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कल 17 नवंबर को प्रदेश के 70 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। चुनाव जीतने के लिए सभी दल एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं ताकि साथी प्रतिद्वंदी को मात दी जा सके। इस बीच सवाल उठ रहा है कि अगर एक ही सीट पर दो प्रत्याशियों के वोट समान (Equal Votes) आ जाते हैं तो ऐसी स्थिति में जीत किसकी होगी? चुनाव आयोग किस उम्मीदवार पर जीत का सेहरा बांधेगा? आखिर क्या नियम हैं।

दो उम्मीदवारों के बराबर वोट (Equal Votes) आने पर निर्वाचन आयोग ने एक नियम बना रखा है। जिसके मुताबिक, अगर मतगणना के समय दो प्रत्याशियों के वोट बराबर पाए जाते हैं तो उनकी जीत का फैसला लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। लेकिन ये दोनों उम्मीदवार एक सीट के होने चाहिए। अगर दोनों उम्मीदवारों के वोट समान आते हैं तो लॉटरी की जाती है। अगर किसी एक के पक्ष में लॉटरी के फैसले आते हैं तो उसे एक अतिरिक्त वोट मिल जाता और उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है।

यह अधिकार वहां के निर्वाचन अधिकारी के पास होता है। लॉटरी के बाद निर्वाचित पदाधिकारी चुनाव परिणाम की घोषणा करता है और बताता है कि उस सीट पर कौन उम्मीदवार विजयी हुआ है। इसके बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी चुनाव में जीते प्रत्याशियों की सूची जारी करता है।

विरोध जता सकता है हारा हुआ प्रत्याशी : लॉटरी से जीते हुए प्रत्याशी की एक कॉपी राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज निदेशक को भी भेजी जाती है। अगर हारे हुए (Equal Votes) उम्मीदवार को लगता है कि उसके साथ नाइंसाफ ी हुई है तो वो मतगणना पर सवाल उठा सकता है और मतों की पुनर्गणना की मांग करते हुए लिखित आवेदन दे सकता है। हालांकि, इसके लिए उसे सबूत देना पड़ता है। हारे हुए उम्मीदवार के आवेदन पर निर्वाचित अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी फैसला लेते हैं।

क्या है चुनाव आयोग : चुनाव आयोग एक संवैधानिक बॉडी है। ये देश में चुनाव कराने और रेगुलेट करने के लिए बनी हुई है। यह केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए काम करता है। संविधान का अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग को संसद, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति कार्यालय और उपराष्ट्रपति कार्यालय के चुनावों की निगरानी और नियंत्रण करने की शक्ति देता है। इलेक्शन कमीशन लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राज्य विधान परिषदों और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यालयों सहित विभिन्न पदों के लिए चुनाव का संचालन करता है।

संवैधानिक बॉडी है इलेक्शन कमीशन : भारतीय चुनाव आयोग संविधान और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्राधिकार के तहत काम करता है। जब मौजूदा कानून चुनाव के दौरान विशिष्ट स्थितियों से निपटने के लिए अपर्याप्त हों तो आयोग के पास उचित रूप से कार्य करने की शक्ति होती है। इलेक्शन कमीशन एक स्थायी संवैधानिक बॉडी है।

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