Baramkela News : गांवों तक पहुंचने वाले मार्गों (Dodhaidih Village Road Problem) की स्थिति पर न जनप्रतिनिधियों का ध्यान है और न ही जिम्मेदार अधिकारियों का। बरसात के मौसम में द्वितीय श्रेणी की सड़कों की हालत और भी दयनीय हो जाती है, जिससे ग्रामीणों को बदहाल कच्ची सड़कों से होकर नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल डढाईडीह गांव का है, जहां आज भी विकास कोसों दूर है।
जनपद पंचायत बरमकेला के ग्राम पंचायत बड़े आमाकोनी के आश्रित गांव डढाईडीह की जनसंख्या लगभग 350 है। गांव तक पहुंचने के लिए गोबरसिंहा मुख्य मार्ग से खोखेपुर होते हुए करीब 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। वर्ष 2010 में तत्कालीन सरपंच देवलता पटेल द्वारा इस मार्ग पर द्वितीय श्रेणी की सड़क का निर्माण कराया गया था। लेकिन तब से लेकर अब तक इस सड़क की न तो कोई मरम्मत की गई है और न ही इसके लिए कोई नई डामर सड़क स्वीकृत की गई है।
हर कोई जानता है कि द्वितीय श्रेणी की सड़क की स्थिति कितनी खराब होती है, और बरसात में यह सड़क पूरी तरह से कीचड़ से सनी रहती है। मिट्टी की सड़क जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है, जहां कीचड़युक्त पानी भरा हुआ है। दलदली स्थिति के कारण बाहरी वाहन फंस जाते हैं। ग्रामीणों को घर से ब्लॉक या अन्य गांवों में जाने के लिए इस दो किलोमीटर की सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
खासकर स्कूली बच्चों को माध्यमिक विद्यालय खोखेपुर व हाईस्कूल गोबरसिंहा में पढ़ाई के लिए इसी रास्ते से गुजरना पड़ता है, जो अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गया है। पिछले वर्ष भी भारी कीचड़ की स्थिति बनने पर ग्रामीणों और तत्कालीन सरपंच हेमशंकर पटेल ने श्रमदान कर लाल मुरूम बिछाकर रास्ते को चलने योग्य बनाया था, लेकिन इस वर्ष फिर से सड़क की हालत खराब हो गई है।
Dodhaidih Village Road Problem
डढाईडीह गांव के सच्चिदानंद यादव, डोलामणि यादव, चमरा बाबू बरिहा, मायाराम यादव, लक्ष्मण दास महंत, रति दास महंत सहित अन्य ग्रामीण जून माह में कलेक्टर जनदर्शन पहुंचे थे और खराब सड़क को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन अब तक सड़क की दुर्दशा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों की परेशानी बरकरार है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में शामिल करने की मांग
बड़े आमाकोनी के तत्कालीन सरपंच हेमशंकर पटेल ने बताया कि दो वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े से मुलाकात कर डढाईडीह की सड़क को मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में शामिल करने की मांग की थी। इसके पहले भी कई बार अधिकारियों को इस सड़क की स्थिति से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई।
ग्रामीणों की पीड़ा, उनकी ही ज़ुबानी
गांव से बाहर जाने के लिए एकमात्र सड़क पूरी तरह से खराब हो चुकी है। इसमें पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। साग-सब्ज़ी बेचने के लिए बाहर जाना संभव नहीं हो रहा है।
जगत राम पटेल, ग्रामीण, डढाईडीह
स्कूली बच्चों को पढ़ाई के लिए दलदली रास्ते से होकर दूसरे गांव जाना पड़ता है। खराब सड़क के कारण उनके कपड़े, जूते गंदे हो जाते हैं, जिससे बच्चे असहज महसूस करते हैं और कई बार फिसलकर गिरने से वापस लौट आते हैं।
डोलामणि यादव, ग्रामीण, डढाईडीह