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Raipur News : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (CG Vidhansabha Amit Shah) शामिल हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित विधायकों को सफल एवं प्रभावी विधायक बनने के गुर बताए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के मतदाता से जीवंत संपर्क, नियम प्रक्रियाओं का पूरा ज्ञान, व्यवहार कुशलता, मृदुभाषिता एवं सदन में संयमित भाषा से ही कोई भी सदस्य प्रभावी विधायक के रूप में अपनी पहचान बना सकता है। उन्होंने विधायकों से कहा कि अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। अपने विधानसभा क्षेत्र में विरोधियों के प्रति भी अच्छा व्यवहार रखना चाहिए।
इस बात पर चिंता व्यक्त की कि विधानसभा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य कानून बनाना होता है, लेकिन उस समय सभा में विधायकों की उपस्थिति सबसे कम होती है। सदस्यों को अपनी बात सभा में पूरे विश्वास एवं प्रमाणिकता के साथ उठानी चाहिए। प्रभावी विधायक होने के लिए किसी भी विधायक के तीन प्रमुख दायित्व होते हैं। क्षेत्र का दायित्व, पार्टी के प्रति दायित्व तथा राज्य की प्रगति एवं विकास का दायित्व।
विधायक अगले चुनाव में पार्टी के उम्मीद्वार के रूप में जीत हासिल करे यह भी उसका महत्वपूर्ण दायित्व होता है। अधिकारियों के साथ जन प्रतिनिधियों का संघर्ष नहीं होना चाहिए, नियम और प्रक्रिया के तहत उनसे चर्चा करके समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। एक अच्छे विधायक को संवेदनशील होना चाहिए उसमें तत्परता कुशलता, उत्सुकता एवं जिज्ञासा भी होनी चाहिए, उसे क्षेत्र में लोक संपर्क के साथ-साथ विधायी दायित्वों का भी निर्वहन करना चाहिए।
कार्यक्रम के पूर्व अमित शाह (CG Vidhansabha Amit Shah) ने विधानसभा परिसर में ”रूद्राक्षÓÓ का पौधा भी लगाया। प्रबोधन कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल, मंत्रीगण, सदस्यगण एवं विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा उपस्थित थे।
लोकतंत्र की आत्मा होते हैं प्रश्न : प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल के बारे में बताया। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने विधायकों को बजट, बजट बनाने की प्रक्रिया, उसके प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अजय चंद्राकर ने नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रश्नों में बहुत ताकत होती है। ये लोकतंत्र की आत्मा होते हैं। उन्होंने प्रश्नों के प्रकार तारांकित, अतारांकित और अल्प सूचना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक दिन में विधायक अधिकतम चार प्रश्न पूछ सकते हैं। इसके लिए उन्हें 21 दिन पूर्व प्रश्न की सूचना देनी होती है।
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