छत्तीसगढ़सारंगढ़-बिलाईगढ़

Bharat Sankalp Shivir : ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के आयोजन में ‘खानापूर्ति’

Baramkela News : केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जन—जन तक पहुंचाने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत पूरे प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर (Bharat Sankalp Shivir ) लगाए जा रहे। भारत संकल्प यात्रा शिविर में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, पीएम स्वनिधि योजना, आधार अपडेशन संबंधी योजनाओं का जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना है, लेकिन कुछ जगहों पर केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना पर अफसर पलीता लगाने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से आया है।

दरअसल, 10 जनवरी बुधवार को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत गौरडीह में भारत संकल्प यात्रा के तहत शिविर (Bharat Sankalp Shivir ) लगाए गए थे, लेकिन यह शिविर महज खानापूर्ति साबित हुई। इस शिविर के लिए पहले से मुनादी भी नहीं कराई गई थी।

बुधवार सुबह ही कोटवार द्वारा ग्राम पंचायत गौरडीह और उसके आश्रित गांवों में मुनादी कराई गई। वहीं शिविर (Bharat Sankalp Shivir ) शुरू होने का समय दोपहर 2 बजे था, लेकिन ढाई से 3 बजे तक शिविर शुरू ही नहीं हुआ। पहले से ही मुनादी नहीं कराने की वजह से शिविर में बहुत ही कम लोग पहुुंचे। वहीं जनपद पंचायत, बिजली विभाग, सिंचाई विभाग, शिक्षा विभाग और पीएचई जैसे महत्वपूर्ण के अफसर शिविर से नदारद थे।

जबकि केंद्र और राज्य की विष्णुदेव सरकार की इस शिविर को लगाने की मंशा अपनी योजनाओं का लाभ दिलाना है, पर विभागीय अधिकारियों की गैरमौजदूगी से शिविर महज खानापूर्ति साबित हुई। इसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश भी नजर आया। दरअसल, वे अपनी छोटी-छोटी कामों (पेंशन, मृत्यु प्रमाण पत्र, सड़क) जैसे कामों के लिए पहुंचे थे, लेकिन अधिकारियों की गैरमौजूदगी से वे बैरंग वापस लौटे।

क्या कहते हैं स्थानीय ग्रामीण
मेरे पति की मृत्यु को लगभग एक साल हो गया है। उनकी मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए सारे दस्तावेज सचिव के पास जमा कर दिया गया है, परंतु आज तक मुझे प्रमाण पत्र नहीं मिला है। इस समस्या को लेकर मैं शिविर में आई थी, लेकिन वहां विभाग के कर्मचारी नहीं होने के कारण आज भी काम नहींं हुआ।
भारती चौधरी, निवासी गौरडीह

मेरी उम्र 75 वर्ष से अधिक है। वृद्धा पेंशन के लिए मैं चार बार आवेदन कर चुका हूं। आज तक मुझे इसका लाभ नहीं मिल पाया है। इसकी जानकारी के लिए मैं इस शिविर में आया था, लेकिन यहां भी जिम्मेदार नहीं मिलने की वजह से मेरा काम नहीं हो पाया।
दुर्बादल चौधरी, निवासी गौरडीह

क्या कहती हैं जनपद पंचायत सीईओ
इस संबंध में जब राजधानी टाइम्स छत्तीसगढ़ द्वारा बरमकेला जनपद पंचायत सीईओ प्रज्ञा यादव से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि तकनीकी सहायक को इस शिविर के लिए नोडल अधिकारी बनाकर भेजा गया था। शिविर एक दिन में तीन-तीन पंचायतों में आयोजित हो रहा। स्टॉफ की कमी के कारण थोड़ी परेशानी आ रही।

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