Sunday, October 6, 2024
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Bohar Bhaji : छत्तीसगढ़ की इस भाजी के आगे चिकन-पनीर भी सस्ता

CG Bohar Bhaji News : छत्तीसगढ़ राज्य तरह तरह की भाजी के लिए प्रसिद्ध है. यहां मिलने वाली भाजी का स्वाद भी निराला है और इनके फायदे भी अनेक है. छत्तीसगढ़ में गर्मी के शुरू होते ही लोगों में बोहार भाजी (Bohar Bhaji ) की मांग शुरू हो जाती है. वैसे तो छत्तीसगढ़ में गर्मी के शुरू होते ही भाजियों की मांग बढ़ जाती है. लेकिन यह भाजी अपने स्वाद की वजह से लोगों के बीच अत्यंत प्रिय है. बाजार में आवक की कमी के कारण इस भाजी की कीमत बाकी सब्जियों से ज्यादा होती है.

इस समय गर्मी की शुरूआत में बोहार भाजी की कीमत राजधानी रायपुर के बाजारों में 250 रुपए से लेकर 300 रुपए प्रति किलो तक है. जिसकी वजह से हर कोई इस भाजी का स्वाद ले पाने में असमर्थ होता है. इतनी कीमत तक चिकन और पनीर की कीमत भी नहीं है. यह अब भी आम लोगों के जायके से बाहर है. पर जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी इस सब्जी की कीमत में गिरावट आती जाएगी.

पेड़ों पर उगती है भाजी : बोहार भाजी उंचे पेड़ पर मिलती है. दरअसल बोहार की कलियां और कोमल पत्ते होते हैं, जो कुछ दिनों में फूल बन जाते हैं. इन्हें फूल बनने से पहले ही तोड़ना होता है. तभी ये खाने के काम आ पाती है. उंचे पेड़ की पतली डालियों तक पहुंच कर सिर्फ कलियों को अलग से तोड़ना भी आसान नहीं है. इसमें खतरा तो रहता है. जानकारी भी जरूरी होती है. इसलिये बोहार की भाजी तोड़ना हर किसी के बस की बात भी नहीं होती.

‘बोहार भाजी’ की खासियत : इस भाजी का स्वाद लाजवाब होता है. इस भाजी के खाने के कई लाभ भी हैं. माना तो यह भी जाता है कि साल में एक बार इस ‘बोहार भाजी’ को जरूर खाना चाहिए. छत्तीसगढ़ में तो यह भी कहा जाता है कि ‘बोहार भाजी’ नहीं खाया, तो क्या खाया. एक ग्राहक ने कहा कि यह भाजी काफी फायदेमंद है. इसलिए इसे साल में एक बार जरूर खाया जाता है. ग्राहक यह भी कहते नजर आए कि छत्तीसगढ़ में बिकने वाली यह भाजी विदेशों में 1200 रुपए किलो बिकती है.

बोहार भाजी बनाने की विधि : बोहार भाजी अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है. इसकी पहले छंटनी की जाती है. फिर उसे पानी में धोकर अलग से निकाल लिया जाता है. इसे तुअर की दाल के साथ भी बनाया जाता है. पहले दाल को उबाल लिया जाता है. इसके बाद हरी मिर्च, प्याज, लहसुन का तड़का लगाकर उसमें बोहार भाजी और फिर उसमें दाल को डालकर सुनहरा होने तक पकने दिया जाता है. इसमें इमली या दही भी मिलाकर बनाया जाता है.