Friday, October 11, 2024
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Surgical Strike On Naxalism : खूंखार नक्सलियों की मांद में घुसकर सबसे बड़ी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को इस तरह जवानों ने दिया अंजाम

CG NEWS : छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले मंगलवार को सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली। कांकेर जिले के माड़ इलाके में सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों (Surgical Strike On Naxalism) को ढेर कर दिया। सभी के शव बरामद हो गए हैं। इनमें नक्सली लीडर शंकर राव भी शामिल है। मुठभेड़ में BSF इंस्पेक्टर रमेश चौधरी सहित 3 जवान घायल हुए हैं। इनमें 2 DRG के जवान हैं। मौके से 5 AK-47 बरामद की गईं। छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ी कार्रवाई है।

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक 16 अप्रैल 2024 की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है। सुरक्षाबलों ने खूंखार नक्सलियों की मांद में घुसकर सबसे बड़ी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ (Surgical Strike On Naxalism) की। इस कार्रवाई को अंजाम देना कतई आसान नहीं था। क्योंकि लाल आतंक के जिस ग्रुप पर हमला कर 29 नक्सलियों का खात्मा किया, उनमें 25 लाख के इनामी नक्सल कमांडर शंकर राव और ललिता भी थे।

ललिता और शंकर उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी में नक्सलियों के DVCM पद पर एक्टिव थे। ललिता की उम्र करीब 50 साल थी। ये अपने पास इंसास राइफल रखती थी। वहीं, शंकर की उम्र करीब 47 साल थी जो अपने पास AK-47 रखता था।

कांकेर इलाके में नक्सली कमांडर शंकर का जबरदस्त असर था। उस इलाके में जितनी भी नक्सल घटनाएं हुई हैं, ज्यादातर का मास्टर माइंड यही था। कई बार मुठभेड़ में ये पुलिस की गोलियों से बचकर भी निकला था, लेकिन 16 अप्रैल की मुठभेड़ में पुलिस की रडार में आ गया और उसका खात्मा हो गया।

जवानों ने इस तरह 29 लाल आतंक का खात्मा किया , पढ़े इनसाइड स्टोरी

तारीख 15 अप्रैल…पुलिस को पुख्ता सूचना मिली, कांकेर के छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के हापाटोला के जंगल में नक्सली मौजूद हैं। यहां नक्सलियों के उत्तर बस्तर डिवीजन का कमांडर शंकर राव आया हुआ है। अपने साथियों की बैठक लेने वाला है। उनके साथ करीब 40 से 50 नक्सलियों का जमावड़ा है। मुखबिर की इसी सटीक जानकारी के बाद सोमवार देर शाम DRG और BSF के जवानों को मौके के लिए रवाना किया गया था।

नक्सलियों के मांद में घुस गए जवान

16 अप्रैल को पहाड़, नदी-नाले पार कर करीब 300 से 400 जवान नक्सलियों को घेरने उनके गढ़ में घुस गए। नक्सली जिस जंगल को अपना सुरक्षित ठिकाना मानकर रुके थे, वह टेकरी वाला इलाका था। लगभग 1 से डेढ़ बजे के बीच जवान नक्सलियों के ठिकाने के नजदीक पहुंच गए थे। जवानों और नक्सलियों के बीच की दूरी महज 250 से 300 मीटर ही थी।

पेड़ और मेड़ का सहारा लेकर जवान छुप गए। जहां नक्सली मौजूद थे, उस पूरे इलाके को चारों तरफ से घेरा गया। यहां नक्सली कमांडर शंकर अपने साथियों के साथ खाना खाकर निश्चिंत बैठा था। सूत्रों के मुताबिक एनकाउंटर से कुछ देर पहले शंकर अपने साथियों की मीटिंग करने वाला था। हालांकि, ठीक 2 बजे पुलिस ने फायर खोल दिया।

दोनों तरफ से चली धड़ाधड़ गोलियां

शुरुआती फायरिंग में ही करीब 2 से 3 नक्सली मारे गए थे। उन्हें जब तक संभलने का मौका मिलता, तब तक जवानों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं। दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई। 3 से 3:30 बजे तक जवानों ने 8 नक्सलियों के शव और हथियार बरामद कर लिए थे। इसके बाद और गोलीबारी हुई।

करीब साढ़े 5 घंटे तक मुठभेड़ चली। फायरिंग रुकी तो जवानों ने मुठभेड़ वाले इलाके की सर्चिंग की। जहां फोर्स ने पहले 18 और फिर बाद में कुल 29 नक्सलियों के शव बरामद किए। खास बात ये है कि जवानों ने 25-25 लाख के इनामी नक्सली लीडर शंकर राव और ललिता को ढेर कर दिया। कुछ नक्सली घायल भी हुए हैं, जो मौके से भाग निकले।