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वक्त के साथ हाईटेक होती जिंदगी में नए रिश्ते बनने की शक्ल भी बदल रही… अघरिया समाज विवाह व्हाट्सएप ग्रुप नि:शुल्क मैरिज ब्यूरो बनकर उभरा

रायपुर। वक्त के साथ हाईटेक होती जिंदगी में नए रिश्ते बनने की शक्ल भी बदल रही है। कहावत है कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं और पृथ्वी पर सिर्फ रस्में निभाई जाती हैं। लेकिन आज के डिजिटल युग में इंटरनेट भी इन रिश्तों को बनाने का माध्यम बनता जा रहा है। इंटरनेट ने समाज को बदला है, उसके नजरिए को बदला है और इस बदलाव के जरिए अब धीरे-धीरे शादी भी बदल रही है। ऐसे तो दर्जनों पैड वैवाहिक पोर्टल हैं, जिन पर माउस की क्लिक पर युवक और युवतियां अपने जीवनसाथी तलाश रहे हैं, लेकिन इस युग में कुछ ऐसे भी सोशल मीडिया साइट्स हैं, जिसका उपयोग भले ही युवा मनोरंजन के लिए करते हों, पर अघरिया समाज ने सोशल मीडिया व्हाट्सएप का ऐसा यूज किया कि न सिर्फ सैकड़ों माता-पिता की योग्य वर-वधु ढूंढने की चिंताएं दूर हुई है, बल्कि अघरिया समाज द्वारा संचालित इस मुफ्त हाईटेक सेवा के जरिए लगभग दो सौ से भी अधिक युवक-युवतियों ने जीवनसाथी की तलाश पूरी की। एक समय हुआ करता था, जब दूल्हा-दुल्हन की तलाश परिचितों का ही सहारा था। दूर-दूर तक नाते रिश्तेदार शादी लायक लड़का-लड़की पर नजर रखते थे। आपसी जान पहचान के बल पर ही रिश्तों का तलाशने का काम करते थे। घर परिवार के बड़े-बुजुर्ग ही लड़का लड़की देख कर पसंद ना पसंद कर लेते थे। गांव की खेती, घर, जमीन ही अच्छे रिश्तों का पैमाना होती थी। वहीं अब शिक्षित व नौकरी करने वाले लड़कों को भी अहमियत मिलने लगी है। क्योंकि अब समय बदल गया है। लड़के-लड़कियों को इधर-उधर भटके मनमाफिक साथी की तलाश पूरी हो रही है। अघरिया समाज के वर-वधु समाज के विवाह ग्रुप पर अपनी पसंद के अनुसार लाइफपार्टनर ढूंढ रहे हैं। इसमें न तो रिश्तेदारों को बार-बार रिश्ता बताने के लिए कहना पड़ता है और न ही उनके रिश्ते को मना करने पर उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ता है। बस वर-वधु का शादी बायोडॉटा बनाया और जैसा पार्टनर वर या वधु चाहिए वैसा ढूंढ लिया। दरअसल, अखिल भारतीय अघरिया समाज के विवाह से संबंधित आधुनिक तकनीक की सुविधा से व्हाट्सएप में प्रचार प्रसार एवं सुगम सुलभ वर-वधु की तलाश के लिए समाज के पदाधिकारियों द्वारा सर्व सम्मति से विचार विमर्श के बाद समाज के लोगों का दूल्हा-दुल्हन की तलाश आसान करने के लिए व्हाट़्सएप ग्रुप बनाया गया है। बेटे-बेटी के लिए अच्छे रिश्ते की खोज यदि घर बैठे हो जाए तो अभिभावकों के लिए इससे अच्छा कुछ हो नहीं सकता। कुछ लोग भले ही सोशल मीडिया को मनोरंजन या किस्से कहानियों का जरिया मानें, लेकिन छत्तीसगढ़ में अघरिया समाज का विवाह अघरिया समाज का 20 से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप नि:शुल्क मैरिज ब्यूरो बनकर उभरा है।

 

पदाधिकारियों ने ग्रुप मेंबरों के लिए बनाए हैं सख्त नियम: अखिल भारतीय अघरिया समाज द्वारा अघरिया विवाह ग्रुप को संचालित करने और ग्रुप में जुड़े सदस्यों के लिए कई सख्त नियम कानून बनाए हैं ताकि जिस उद़्देश्य से ग्रुप को बनाया गया है, वह सार्थक हो सके और किसी भी तरह की विषम परिस्थिति पैदा न हो। इसमें सदस्यों के लिए प्रमुख रूप से विवाह अघरिया समाज के व्हाट्सएप ग्रुप में एक व्यक्ति को एक ही ग्रुप में सदस्यता दी जाएगी, उद्देश्य विहीन पोस्ट करने पर ग्रुप से हटा दिया जाएगा। कोई भी सदस्य बायोडाटा या फोटो के साथ किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ व दुरूपयोग नहीं करेंगे। फोटो व बायोडाटा में लाइक चिन्हित नहीं करेंगें समेत अन्य नियम बनाए गए है। ग्रुप संचालकों के लिए भी कड़े नियम लागू है।

 

हर ग्रुप में पांच एडमिन: दो साल पहले वर्ष 2018 में विवाह अघरिया समाज व्हाट्एसग्रुप को चालू किया गया है। शुरूआत से ही ग्रुप सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक 21 ग्रुप बनाए जा चुके हैं। इसमें छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों के अलावा ओड़िशा समेत अन्य राज्यों व शहरों के अघरिया समाज के लोग जुड़े हुए हैं और लगातार जुड़ रहे हैं। अखिल भारतीय अघरिया समाज के पदाधिकारियों के दिशा निर्देश पर पांच लोगों को ग्रुप एडमिन का जिम्मा दिया गया है जिसमें प्रमुख रूप से ऋषि कुमार पटेल कापसी मोबाइल नंबर 94252-66673, भुवनेश्वर पटेल रायगढ़ मोबाइल नंबर 98279-11135, संजय चौधरी रंगाडीह बरमकेला मोबाइल नंबर 97134-13999, विजय कुमार पटेल डभरा जांजगीर-चांपा मोबाइल नंबर 75870-35062 और महेंद्र पटेल पिथौरा महासमुंद 99775-00282 शामिल हैं।

 

ग्रुप में ऐसे जोड़े जाते हैं मेंबर: ग्रुप में सदस्यता के लिए सिर्फ ग्रुप एडमिन से संपर्क कर अपना नाम, पता व वॉट्सएप नंबर और निर्धारित प्रारूप में अपना बायोडाटा उपलब्ध कराना होता है। इच्छुक युवक-युवती व उनके अभिभावकों को ग्रुप से जोड़कर उसकी शिक्षा, व्यापार-व्यवसाय, नौकरी और परिवारिक स्थिति की जानकारी देना होती है। इस जानकारी को ग्रुप एडमिन द्वारा ग्रुप पर फोटो सहित डाला जाता है।ग्रुप में बायोडाटा आने के बाद लड़का-लड़की पक्ष पसंद कर आपस में संपर्क करते हैं और बातचीत कर बात आगे बढ़ाते हैं। बात बनने (रिश्ता तय) पर ग्रुप में इसकी जानकारी दी जाती है ताकि ग्रुप में जुड़े सदस्यों को पता चल सकें और लोग उस पक्ष से संपर्क न करें।


 

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