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चंदन की खुशबू से अफसर हुए मूर्छित, धान फसलों की संजीवनी बूटी यूरिया किसानों के लिए लाए कौन! अब यहां के किसान भी सड़कों पर उतरने की तैयारी में

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला अंतर्गत बरमकेला व सारंगढ़ ब्लॉक में कृषि व राजस्व विभाग के अधिकारी चंदन की खुशबू से इस कदर मूर्छित हो गए हैं कि यहां यूरिया की खुलेआम हो रही कालाबाजारी भी उन्हें नजर नहीं आ रही है। इधर, धान फसलों की संजीवनी बूटी यूरिया के लिए क्षेत्र के किसान दर-दर भटक रहे हैं। अगर अधिकारियों का तस्करों व कालाबाजारियों को ऐसा संरक्षण रहा तो प्रदेश के अन्य कई जिलों की तरह यहां भी यूरिया खाद के लिए किसान सड़क पर उतर सकते हैं। लगातार हुई बारिश की वजह से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। धान की फसलें इस बार अच्छी हुई है। खेतों में लगी फसल का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से किसान खेतों में यूरिया व अन्य खाद डालते हैं लेकिन सोसायटियों में मिलने वाला यूरिया खाद खत्म हो चुका है। ऐसे में किसानों को खाद बीज की दुकानों से महंगे दामों में खाद खरीदना पड़ रहा है। किसानों ने प्रशासन से सोसायटियों में खाद उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि यूरिया की कालाबाजारी हो। पर रायगढ़ जिला प्रशासन किसानों की मांगों पर ध्यान ही नहीं दे रहा है। इसका फायदा क्षेत्र के कुछ व्यापारी उठा रहे है। सरिया नगर पंचायत में भी चंदन नाम का एक व्यापारी है जो क्षेत्र के किसानों से यूरिया खाद के लिए मनमाना कीमत वसूल रहा है।

266 रुपए की यूरिया के लिए चुका रहे 450: सोसायटियों में यूरिया खाद 266.50 रुपए में मिलता है। जबकि सरिया नगर का व्यापारी किसानों को 400 से लेकर 450 तक में बेच रहा है। स्थानीय किसानों की माने तो इसके लिए भी अन्य खाद खरीदना पड़ रहा है तब जाकर यूरिया की बोरी दी जा रही है। यूरिया खाद की कमी के कारण किसानों को परेशानी हो रही है। प्रशासन जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराना चाहिए। अगर चंदन की खुशबू से मूर्छित अफसर होश में नहीं आए तो अन्य जिलों की तरह इस क्षेत्र के किसान भी सड़क में उतर कर प्रदर्शन कर सकते हैं।

तहसीलदार, डीडीए व एसडीएम को बताता है अपनी हाथों की कठपुतली: सरिया में यूरिया की तस्करी व कालाबाजारी कर रहा व्यापारी बरमकेला तहसीलदार से लेकर रायगढ़ कृषि उप संचालक और सारंगढ़ के आईएएस एसडीएम तक को अपनी हाथों की कठपुतली बताता है। जिस तरह से अफसरों का अभयदान भी इस व्यापारी को प्राप्त है उससे लगता है कि व्यापारी के बातों में दम है। अन्यथा कोई आईएएस एसडीएम को अपनी हाथों की कठपुतली बताए और अभी तक बचे रहे?

 

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
पिछले कई दिनों से इस क्षेत्र के किसान यूरिया खाद के लिए भटक रहे हैं। सरिया के कुछ व्यापारियों दोगुने दाम में किसानों को यूरिया बेच रहे है। कोरोना की वजह से वर्तमान में सबकी आर्थिक स्थिति क्या है, पता है। बावजूद इसके कुछ लोग इस संकट काल में भी मुनाफाखोरी करने से बाज नहीं आ रहे है। अधिकारियों से मांग की गई है कि वे इसकी जांच करें और किसानों को यूरिया उपलब्ध कराए। अन्यथा आक्रोशित किसानों का सामना अधिकारियों को करना पड़ सकता है।

सुखदेव दीवान, जपं सदस्य व भाजपा नेता।

 

कृषि उप संचालक ने नहीं उठाया फोन: इस संबंध में रायगढ़ के कृषि उप संचालक ललित मोहन का पक्ष लेने के लिए उन्हें फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इससे उनका पक्ष नहीं आ पाया।

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