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छग के लाल.. राम को मिल रहा सबका प्यार… वृद्ध महिला के लिए तोड़े पत्ते, दिए मॉस्क, साड़ी व चप्पल, गरियाबंद पुलिस कप्तान की सेवा की हो रही जमकर सराहना

रायपुर। लोग पुलिस का नाम सुनते ही डरते व कतराते है। पुलिस का खौफ लोगों के जेहन से हटाने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी समेत पुलिस के तमाम आला अधिकारी जी जान से जुटे हुए हैं। छोटे-छोटे प्रयासों और कार्य से छत्तीसगढ़ पुलिस की सोशल पुलिसिंग कामयाब होती नजर आ रही है। गरियाबंद एसपी के एक छोटे प्रयास का इन दिनों जमकर न सिर्फ तारीफ हो रही है, बल्कि छत्तीसगढ़ के लाल भोजराम पटेल को सबका प्यार भी मिल रहा है। 80 वर्षीय वृद्ध महिला सड़क किनारे पेड़ से पत्ते तोड़ रही थी, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पा रही थी। पुलिस कप्तान इसी रास्ते से गुजर रहे थे। जब उनकी नजर पड़ी तो अपनी गाड़ी रोक कर जवानों के साथ मिलकर मदद की, बल्कि कोविड-19 के संक्रमण के दौर में उन्हें मॉस्क भी दिया। यही नहीं उन्होंने वृद्ध महिला को गिफ्ट स्वरूप एक साड़ी व चप्पल भी भेंट की। दो दिन पहले 17 अगस्त की दोपहर गरियाबंद पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल अपने शासकीय वाहन से जा रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक वृद्ध महिला उम्र लगभग 75 से 80 वर्ष की बीच सड़क किनारे स्थित पेड़ से पत्ते तोड़ रही थी। एक बांस लकड़ी के जरिए वृद्ध महिला पत्ते तोड़ने का प्रयास कर रही थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पा रही थी। एसपी पटेल की नजर इस पर पड़ी तो उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रूकवाई। खुद कार से उतरकर वृद्ध महिला के पास पहुंचे, जवान भी कप्तान साहब के पास आ गए तो उन्होंने जवानों से पत्ते तोड़वाए।

ए दई ऐ उमर में तोला पता तोड़े के का जरूरत हे में हा पता तोड़वा देत हो: वृद्ध महिला के पास एसपी पहुंचे तो उन्होंने छत्तीसगढ़ी में बातें शुरू कर दी। आपको बता दें कि भोजराम पटेल छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के तारापुर गांव के निवासी हैं। महिला से अफसरशाही नहीं, बल्कि ठेठ छत्तीसगढ़िया बनकर बातें की। उन्होंने छत्तीसगढ़ी में ही पूछा- ए दई ऐ उमर में तोला पता तोड़े के का जरूरत हे में पता तोड़वा देत थो (इस उम्र में पत्ता तोड़ने की क्या जरूरत है, मैं पत्ता तोड़वा देता हूं), महिला ने भी छग में रिप्लाई देते हुए पुलिस कप्तान को बताया कि उसके घर में बकरियां है जिसके लिए वह पत्ता तोड़ रही है। उन्होंने यह भी पूछा कि मांस मछली खाती हो कि नहीं, जब महिला नेे हां कहा तो कप्तान साहब नेे मजाक करते हुए कहा अभी पत्ता खिला रही हो बाद में मारकर खा दोगी। महिला ने कहा कि नहीं बड़े होने पर उसे बेचेगी। दोनों का संवाद छत्तीसगढ़ में ही था। हमने हिंदी में ट्रांसलेट की है। 

छत्तीसगढ़ का लाल हुआ भावुक : पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने देखा कि महिला के पैर में चप्पल नहीं है, मुंह में मॉस्क नहीं है, साड़ी भी आधी अधूरी है तो उन्होंने तत्काल अपने सिपाहियों को निर्देश दिया कि गरियाबंद पहुंच कर तत्काल महिला के लिए साड़ी और कोरोना वायरस से बचाव के लिए मॉस्क के साथ ही चप्पल की भी व्यवस्था कराई गई। यह सब देख वृद्ध महिला के समझ में ही नहीं आ रहा था कि यह कौन हैं जो उन्हें इतने प्यार से बात कर रहा हैं, गाड़ी रूकवा कर पत्ता तोड़वाया, महिला ने घबराते हुए पूछा ते कोन हस बाबू तब जवानों ने बताया कि ये गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक साहब भोजराम पटेल हैं। महिला के समझ में कुछ नहीं आया, पर उसने साड़ी, मॉस्क व चप्पल देखी तो एकाएक भावुक हो गई। इस दौरान महिला ने कहा-बने करे बाबू कतक दिन ले चप्पल के सूरत आत रिहिस लेकिन चप्पल नहीं मिलिस, बिना चप्पल के निकल जात रेहे बोलकर एसपी पटेल को आशीर्वाद देने लगी।

कार्यकुशलता के कायल हुए लोग: रियाबंद पुलिस कप्तान का यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है, लोग एसपी पटेल के इस कार्यकुशलता के कायल है। वैसे इस तरह का कार्य उन्होंने कई बार किया है। दुर्ग में नगर पुलिस अधीक्षक, कांकेर एसपी रहते भी ऐसे काम कर चुके हैं। गरियाबंद में इसके पहले उन्होंने ऑफिस में पहुंचे फरियादियों में अधिक उम्र के महिला और पुरुषों को लगातार चप्पल, साड़ी या गमछा भेंट कर चुके हैं। लोग इस ठेठ छत्तीसगढ़िया कप्तान के इसी कार्यकुशलता के दीवाने है।

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