रायपुर। इम्तेहां हो गई इंतजार की। आई ना कुछ खबर, मेरे यार की। ये हमें है यक़ीन, बेवफा वो नहीं। फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की। इम्तेहां हो गई इंतजार की। ये गाने के बोल वर्ष 1984 में आयी बॉलीवुड़ फिल्म शराबी की है। इसे किशोर कुमार और आशा भोंसले ने आवाज दी थी। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा इस मूवी में शराबी का दमदार अभिनय किया गया था। उनके दमदार अभिनय व हिट्स गाने की वजह से ये मूवी ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। इस मूवी के ये गाने फिलहाल छत्तीसगढ़ के 14 हजार 580 चयनित शिक्षकों पर फीट बैठ रही है। दरअसल, डेढ़ साल से नियमित शिक्षक भर्ती का मामला अधर में लटका हुआ है। इन्हें यकीन तो है कि उनकी नियुक्ति होगी, पर कब यह मालूम नहीं है। अनगिनत ज्ञापन व प्रदर्शन के बावजूद इनकी मांगें पूरी नहीं हुई है न ही छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की तरफ से कुछ आश्वासन मिला है। रोजगार पाने के लिए कल एक बार फिर बीएड-डीएड संघ द्वारा राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल में 1 बजे प्रदेश भर के चयनित अभ्यर्थी एकत्रित होंगे और एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। बीएड-डीए़ड़ संघ के प्रदेशाध्यक्ष दाउद खान ने बताया कि प्रदेश में 14 हजार 580 शिक्षकों की नियुक्ति पिछले डेढ़ साल से अधर में है। चयनित अभ्यर्थी लगातार नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही है। इसलिए छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ की ओर से 22 अगस्त को प्रदेश सरकार के खिलाफ एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर सरकार को नींद से जगाने का प्रयास किया जाएगा। 17 माह से चली आ रही शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया पिछले 5-6 महीने से रुकी हुई है। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए संघ के द्वारा अनेक प्रयास किया गया। तहसीलदार से लेकर एसडीएम और विधायक से मंत्रियों को मिलकर नियुक्ति के लिए आदेश जारी करने का आग्रह किया गया, पर हमारी किसी ने नहीं सुनी। छग सरकार के तानाशाही और अडियल रवैया ने अब हमें जमीन की लडा़ई लडऩे के लिए मजबूर कर दिया है। सरकार से हमारी मांगों को मनवाने के लिए अब केवल आंदोलन ही एक रास्ता बचा है। इसलिए 22 अगस्त शनिवार को प्रदर्शन किया जा रहा है। संघ ने अपने सभी सदस्यों को इस आंदोलन में उपस्थित होने की अपील की है।
विधायकों के भत्ते बढ़ाने पर युवाओं में आक्रोश: गुरुवार की शाम रायपुर के सिविल लाइंस स्थित सीएम हाउस में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए। इसमें एक फैसला विधानसभा के वर्तमान व पूर्व विधायकों के यात्रा भत्ता को लेकर है। मंत्रीमंडल द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक अब विधानसभा के सदस्यों का यात्रा भत्ता 4 से बढ़ा कर 8 लाख और पूर्व सदस्यों का 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख किया गया है। छग के भूपेश सरकार के इस फैसले को लेकर बेरोजगार युवाओं में भारी आक्रोश है और सोशल मीडिया में इसकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि सरकार के पास विधायकों का यात्रा भत्ता बढ़ाने के लिए पैसा है, लेकिन युवाओं को नौकरी देने के लिए नहीं।
देरी की वजह, ये बता रहे जानकार: जानकारों के मुताबिक अफसर चयनित शिक्षकों को नए सत्र में ही नियुक्ति देना चाह रहे थे, क्योंकि चयनित होकर नियुक्ति की स्थिति में ग्रीष्मकालीन अवकाश का वेतन भी देना पड़ सकता था, लेकिन बीच में कोरोना संकट के आ जाने से यह मामला अटक गया है। अब जैसे ही संकट दूर होगा या फिर स्थिति कुछ हद तक कंट्रोल में होगी और स्कूल खुलेंगे तो इनकी नियुक्ति तत्काल हो जाने की बातें सामने आ रही है।
नवंबर में ही हो गया दस्तावेजों का सत्यापन: नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा लेकर व्यापमं ने दावा–आपत्ति के बाद अंतिम चयन सूची 5 नवंबर 2019 को जारी कर दी। लोक शिक्षण संचालनालय ने सत्यापन के बाद व्याख्याता के पात्र अभ्यर्थियों को 11 नवंबर 2019 तक दस्तावेजों का सत्यापन कराने को कहा। दस्तावेजों का सत्यापन तो हो गया लेकिन अब तक पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी नहीं हो सकी है।
इस तरह चली अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया
विज्ञापन जारी हुआ 9 मार्च 2019
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 25 अप्रैल 2019
व्याख्याता साइंस और अंग्रेजी के रिक्त पद 3177
आवेदन आए थे 41000
परीक्षा दिए थे 36115
सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के रिक्त पद 1200
आवेदन आए थे 2,20,000
परीक्षा दिए थे 1,92,000
सहायक शिक्षक अंग्रेजी माध्यम के पद 306
आवेदन आए थे 4206
परीक्षा दिए थे 2424
शिक्षक अंग्रेजी माध्यम के रिक्त पद 152
आवेदन आए 2764
परीक्षा दिए 1880
सहायक शिक्षक विज्ञान के रिक्त पद 4000
आवेदन आए 31000
परीक्षा दिए 25305
शिक्षक के कुल रिक्त पद 5441
आवेदन आए 30000
परीक्षा दिए 25190