रायपुर। राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब डोर-टू-डोर सर्वे कर लोगों के स्वास्थ की जानकारी लेगा। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने एक पत्र जारी कर कहा है कि राज्य में कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की दर में वृद्धि हुई है। कोरोना संक्रमण की महामारी के नियंत्रण के लिए राज्य स्तर के साथ ही जिला स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कोविङ-19 संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए समुदाय स्तर पर लक्षण वाले मरीजों की तुरंत पहचान कर उनकी कोविड-19 जांच कर आइसोलेट कर इलाज किया जाना जरूरी है। राज्य के सभी जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान कराना है। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और कर्मचारी 2 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक लोगों के घरों में जाकर उनके स्वास्थ के बारे में जानेंगे। लक्षण मिलने पर उनकी कोरोना जांच करने के बाद उनका इलाज भी किया जाएगा। साथ ही सर्वे टीम एक पत्र में लोगों की जानकारी भी एकत्रित करेगी जिसमें लोगो के नाम मोबाइल नंबर पता सहित अन्य जानकारी रहेगी।
सर्वे टीम को पहले किया जाएगा प्रशिक्षित: घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को पहले प्रशिक्षित किया जाएगा। 2 व 3 अक्टूबर को दो दिनों तक जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें सर्वे करने वाले लोगों को सर्वे का उद्देश्य, कार्यावधि समेत अन्य जानकारी दी जाएगी। ग्रामीण इलाकों के लिए जिला पंचायत सीईओ नोडल अधिकारी होंगे। जबकि डिप्टी कलेक्टर रैंक का अफसर सहायक नोडल की भूमिका निभाएंगे। वहीं शहरी क्षेत्रों में अभियान के लिए नगर निगम कमिश्रर की जवाबदेही होगी।
कर्मचारियों की कमी, अफसरों की चिंता: शासन ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब जिले में सामुदायिक सर्वे कराने का निर्देश आया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के सामने इसे लेकर समस्या आ गई है। क्योंकि विभाग के पास कोरोना में काम करने के लिए स्टॉफ की भारी कमी है। जिसके कारण शिक्षा विभाग, पुरातत्व विभाग, कलेक्टोरेट के स्टॉफ के भरोसे कोरोना काम चल रहा है। अब सर्वे के लिए अलग से स्टॉफ कहां से लाएं अधिकारी इस चिंता का हल तलाश रहे हैं।