Raigarh News : रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तहत सरिया तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर बाढ़ प्रभावित पहुंच मार्ग बोरिदा – ठेंगागुडी अब तक पक्की सड़क से नहीं जुड सका। ऐसे में ठेंगागुडी के स्थानीय ग्रामीणों ने समवेत स्वर में विधानसभा चुनाव बहिष्कार (No Road No Vote) करने की घोषणा की है और सड़क नहीं तो वोट नहीं… का नारा लगाते हुए अपनी आवाज बुलंद कर दी है। गांव के बाहर कच्ची सड़क पर चुनाव बहिष्कार की पोस्टर चस्पा कर विरोध शुरु कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने कहा है कि वर्ष 1994 में ग्राम पंचायत लुकापारा से विभाजित होकर ग्राम पंचायत बोरिदा अस्तित्व में आया। जिसमें ग्राम ठेंगागुडी को आश्रित ग्राम के रुप में रखा है । वर्ष 1994 में तत्कालीन सरपंच दुर्योधन साहू के प्रयास से ठेंगागुडी गांव को रायगढ़ तत्कालीन सीईओ के आर पिस्दा ने गांव का दौरे पर पहुंचे थे और पगडंडी सड़क को द्वितीय श्रेणी सड़क बनवाया गया था। लेकिन यहां की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
हर साल महानदी का जलस्तर बढ़ने से सबसे पहले बाढ़ का इसी गांव को चपेट में लेता है और शासन – प्रशासन की दृष्टि में सबसे ज्यादा प्रभावित ग्राम के श्रेणी में है। इसके बाद भी यहाँ की दो किलोमीटर कच्ची सड़क को पक्की सड़क योजना में शामिल नहीं किया जा सका। शासन प्रशासन की इसी उपेक्षा की दंश से ग्रामीण आहत है और इस बार विधानसभा चुनाव की बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
चुनाव बहिष्कार (No Road No Vote) करने की सूचना एक सप्ताह पहले सारंगढ़- बिलाईगढ जिले के कलेक्टर, तहसीलदार सरिया व थाना प्रभारी सरिया को दे चुके हैं। किंतु अब तक प्रशासन की ओर से कोई पहल अथवा वार्ता के लिए आगे नहीं आया है। ग्राम ठेंगागुडी की मतदाताओं की कुल संख्या 425 है। जिसमें महिला मतदाता 200 तथा पुरुष मतदाता 225 है ।
चुनाव बहिष्कार (No Road No Vote) करने वाले ग्राम ठेंगागुडी के ग्रामीण मनबोध प्रधान, सुशील भोय, ईश्वर प्रधान, ठेंगनू प्रधान, सीताराम प्रधान आदि ने बताया कि राज्य निर्माण के बाद पहले कांग्रेस फिर भाजपा ने 15 वर्ष तक और अब पुनः कांग्रेस की सरकार है। लेकिन अंतिम छोर तक सरकारी योजनाओं को पहुंचा पाने में नुमाइंदे नाकाम रहे। जबकि राज्य गठन पश्चात ढेरों विकास कार्यों के गीत गाए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने इसे ढकोसला करार दिया।
रायगढ़ विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी अब चुनाव प्रचार प्रसार के लिए गांवों तक पहुंचने लगे हैं। ऐसे में पार्टी प्रत्याशियों को ठेंगागुडी के ग्रामीण खरी खोटी सुनाकर वापस लौटा दे रहे हैं और उनके वायदे पर भरोसा नहीं कर रहे हैं।
” इसके लिए उन लोगों ने एक लेटर दिया है। चूंकि नरेगा के तहत कुछ कार्य को पूर्ण करा दिया गया है और अब उसे दो किलोमीटर तक डामरीकरण कराओ बोल रहे हैं। जो बिना बजट में स्वीकृत के संभव नहीं है। अगले बजट में शामिल कराकर सड़क बनवा दी जाएगी। फिलहाल एक एप्रोच रोड़ बना दिया गया है।
मोनिका वर्मा, निर्वाचन अधिकारी सारंगढ़ – बिलाईगढ़.