School Inspection By Collector : स्कूल पहुंचकर कलेक्टर बन गए शिक्षक, हाई स्कूल में बच्चों को पढ़ाया अंग्रेजी और गणित

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School Inspection By Collector

Sarangarh Bilaigarh News : छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे (School Inspection By Collector) ने सोमवार को दोपहर में सारंगढ़ विकासखंड के ग्राम पचपेड़ी, सुलोनी और उलखर स्थित स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया। पचपेड़ी के प्राथमिक शाला भवन और संकुल केन्द्र भवन का निरीक्षण करते हुए उन्होंने बरसात में भवन की स्थिति और बच्चों की पढ़ाई का जायजा लिया।

इसी तरह हाईस्कूल सुलोनी में भी उन्होंने कक्षाओं के संचालन को देखा। कलेक्टर डॉ. कन्नौजे (School Inspection By Collector) ने कक्षा नवमीं के छात्रों को काल (Tense) पढ़ाया और Present Simple Tense में “मैं स्कूल जाता हूं” जैसे उदाहरणों को विस्तार से समझाया। इसके बाद कक्षा दसवीं में गणित पढ़ाते हुए ब्लैकबोर्ड पर सवाल हल कराए।

उलखर में बच्चों ने शिक्षा का बखूबी प्रदर्शन किया

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उलखर में सभी शिक्षकों से परिचय के बाद डॉ. कन्नौजे (School Inspection By Collector) ने छात्रों से उनकी पढ़ाई के संबंध में सीधे संवाद किया। उन्होंने प्राचार्य और शिक्षकों से कहा कि सिर्फ सामान्य कोर्स ही नहीं, बल्कि छात्रों को नैतिक शिक्षा भी दी जाए — जैसे सड़क सुरक्षा, स्वच्छता, पर्यावरण जागरूकता और लैंगिक उत्पीड़न जैसे विषय।

कक्षा 12वीं के छात्र सुमीत से जब सड़क सुरक्षा पर सवाल पूछा गया, और 12वीं की बायोलॉजी की छात्रा से लीवर के कार्य पर, वहीं 10वीं की छात्रा से स्वच्छता पर, तो सभी ने शानदार जवाब दिए। कलेक्टर ने छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक लाने की प्रेरणा दी और शिक्षकों से कहा कि चूंकि इस स्कूल में सभी विषयों के शिक्षक हैं, इसलिए रिजल्ट भी अच्छा आना चाहिए।

इसी दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित था। डॉ. कन्नौजे के रवाना होने के बाद स्कूली बच्चों को लीवर की देखभाल और हेपेटाइटिस की रोकथाम के बारे में विस्तार से बताया गया।

School Inspection By Collector में दिए अहम निर्देश

कलेक्टर ने प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास, उलखर का भी आकस्मिक निरीक्षण किया। अधीक्षिका के साथ पूरे परिसर और कमरों का मुआयना करते हुए खिड़की में जाली और पर्दा लगाने के निर्देश दिए। वर्तमान में 22 बालिकाओं के दाखिले पर कलेक्टर ने अधीक्षिका को 50 बालिकाओं का लक्ष्य देने के निर्देश दिए।

शौचालय की मरम्मत या अन्य आवश्यक कामों के लिए सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से प्रतिवेदन भेजने को कहा गया। रजिस्टर चेक करते हुए कलेक्टर ने कहा कि कोई भी छात्रा घर जाए तो कारण स्पष्ट रूप से दर्ज हो, और अधीक्षिका को इसकी जानकारी रहे। यदि कोई छात्रा बीमार हो तो उसका इलाज तुरंत सरकारी अस्पताल में कराया जाए। इस निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे भी उपस्थित थे।

 

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