राजधानी टाइम्स छत्तीसगढ़ , रायगढ़। जब सरिया और बरमकेला तहसील को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले शामिल किया गया था तब सरिया क्षेत्र से तीव्र विरोध सामने आया था। लोगों ने रायगढ़ जिले में रहने की पुरजोर मांग की, लेकिन सरिया को रायगढ़ में शामिल करना संभव नहीं हो सका। विधानसभा चुनावों में भी यह मुद्दा छाया रहा। अब बताया जा रहा है कि अब सरिया को अलग विधानसभा सीट घोषित किया जा सकता है इसलिए रायगढ़ में शामिल होने की मांग पीछे धकेल दी गई। सरियावासियों ने रायगढ़ जिले में वापस से शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन किया, अदालत में याचिका भी लगाई।
लंबी प्रक्रिया के बाद ही किसी नए जिले का गठन और अधिसूचना प्रकाशन कराया जाता है।इसलिए सारंगढ़-बिलाईगढ़ में शामिल करने के बाद वापस तोडक़र रायगढ़ में शामिल करना संभव नहीं हो सका। अब सरिया क्षेत्रवासियों की आंखों में नया सपना तैर रहा है। छग में नए जिलों का गठन होने के बाद परिसीमन होना तय है। संभवत: 2027 में परिसीमन हो जाएगा। इस बात की पूरी संभावना है कि सरिया विधानसभा सीट भी घोषित होगी। पिछले दिनों कुछ अहम राजनीतिक चर्चाओं में यह बात सामने आई कि रायगढ़ में शामिल होने की मांग से ज्यादा बड़ी बात अलग विधानसभा क्षेत्र की सौगात है। इसलिए अब रायगढ़ में शामिल होने की बात भुला दी गई है और विस क्षेत्र बनाने पर फोकस शिफ्ट हो गया है।
सामने आने लगे दावेदार
सरिया विधानसभा से भाजपा की ओर आधा दर्जन दावेदार अभी से सामने आने लगे हैं। रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में महानदी के दूसरी ओर वाला क्षेत्र सरिया विधानसभा में शामिल हो जाएगा। इस हिसाब से अनुमान लगाया जा रहा है कि सरिया सीट ओबीसी या सामान्य होगी। इस हिसाब से दोनों पार्टियों में दावेदारों की लंबी कतार है।