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Balrampur News : शारदीय नवरात्र के अवसर पर रविवार को महाष्टमी की पूजा की गई। इस दौरान मां दुर्गा के पूजा पंडालों में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची हुई थी। सभी महिला भक्त के चेहरे में मां का तेजस्व पूरी तरह से चमक रहा था। पंडालों में पुरोहितों ने संधि पूजा (Sandhi Puja) आरंभ किया।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में भी अष्टमी के दिन संधि पूजा का आयोजन नवयुवक दुर्गा पूजा संघ पीपल चौक के द्वारा किया गया जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई। जिनके द्वारा संधि पूजा कर सुख शांति के लिए मां दुर्गा का आशीर्वाद मांगा। संधि पूजा को लेकर नवयुवक दुर्गा पूजा समिति द्वारा व्यापक स्तर में तैयारी की गई थी।
पुजारी नंदलाल उपाध्याय जो 1971 से यहां लगातार पूजा करा रहे हैं उन्होंने बताया की यह पूजा अष्टमी और नवमी तिथि को शाम के समय की जाती है। यह दो तिथियां का मेल है। इसलिए इसे संधि पूजा (Sandhi Puja) कहा जाता है। संधि पूजा अष्टमी तिथि के अंतिम 24 मिनट और नवमी तिथि के प्रारंभ होने के 24 मिनट बाद ही की जाती है।
पैराणिक कथा के अनुसार माता चामुंडा और महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया तभी चंड और मुंड नाम के दो राक्षसों ने मां चामुंडा की पीठ पर हमला कर दिया। जिसके बाद मां का चेहरा क्रोध से नीला पड़ गया और मां ने दोनों राक्षसों का वध कर दिया।
जिस समय उनकी हत्या हुई वह संधि काल का समय था यह मुहूर्त बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। क्योंकि जब दुर्गा ने अपनी सारी शक्ति लगाकर चंड और मुंड का वध कर दिया था। इसलिए अष्टमी के समाप्ति और नवमीं के प्रारंभ होने के मुर्हूत पर हर साल संधि पूजा (Sandhi Puja) का आयोजन मां दुर्गा के पंडालों में विधि विधान से किया जाता है।
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