Saif Ali Khan Bhopal Property Dispute : भोपाल स्थित पटौदी विरासत पर छाया कानूनी संकट! सैफ अली खान को 15,000 करोड़ की संपत्ति पर बड़ा झटका

हाईकोर्ट ने पलटा निचली अदालत का फैसला, शाही विरासत पर सैफ, सोहा, सबा और शर्मिला टैगोर का उत्तराधिकार अधिकार अब सवालों के घेरे में

By admin
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Saif Ali Khan Bhopal Property Dispute

Saif Ali Khan Bhopal Property Dispute : बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान के लिए यह सिर्फ संपत्ति का मसला नहीं, बल्कि उनके खानदान की शाही विरासत और पहचान का मामला बन गया है। भोपाल स्थित करीब ₹15,000 करोड़ मूल्य की शाही संपत्ति को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें इसे ‘दुश्मन संपत्ति’ घोषित कर दिया गया है।

यह उस ऐतिहासिक संपत्ति से जुड़ा मामला है जो सैफ के परदादा नवाब हमीदुल्ला खान और उनकी बेटी साजिदा सुल्तान के समय से चली आ रही है। साजिदा ही सैफ की परदादी थीं और उनके नाम पर हुए बंटवारे को निचली अदालत ने सही माना था, लेकिन अब हाईकोर्ट ने उसे पलट दिया है।

इस निर्णय का प्रभाव केवल सैफ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पटौदी खानदान की अगली पीढ़ियों की legal inheritance को भी प्रभावित कर सकता है। ‘Enemy Property’ घोषित होने का अर्थ यह होता है कि भारत सरकार इसे अपने नियंत्रण में मानती है और उत्तराधिकारियों को इससे कोई सीधा हक नहीं मिलता।

अब चर्चा इस बात पर है कि क्या सैफ अली खान इस फैसले के खिलाफ Supreme Court का रुख करेंगे या नहीं। कयास यह भी हैं कि मामला अब और लंबा खिंच सकता है क्योंकि परिवार इस फैसले को इतिहास और परंपरा के विरुद्ध मान रहा है।

गौरव, विरासत और पहचान पर सवाल

पटौदी खानदान की यह विरासत केवल रियल एस्टेट या जमीन-जायदाद नहीं है, बल्कि भारत के नवाबी इतिहास और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी हुई है। भोपाल स्टेट की इस विरासत पर फैसला आने के बाद कानूनी, सामाजिक और ऐतिहासिक बहस फिर से शुरू हो गई है। फिल्मी और लीगल सर्कल दोनों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

Saif Ali Khan Bhopal Property Dispute पर मंडराया कानूनी खतरा

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के हालिया फैसले ने सैफ अली खान और उनके परिवार को जोरदार कानूनी झटका दिया है। भोपाल की 15,000 करोड़ की पैतृक संपत्ति को अब ‘Enemy Property’ यानी दुश्मन संपत्ति करार दे दिया गया है। कोर्ट ने निचली अदालत के उस निर्णय को रद्द कर दिया है जिसमें सैफ, सोहा, सबा अली खान और शर्मिला टैगोर को संपत्ति का वैध उत्तराधिकारी माना गया था। यह फैसला नवाब हमीदुल्ला खान की शाही संपत्ति के बंटवारे को लेकर हुए दशकों पुराने विवाद की जड़ में आया है, जिसमें अन्य उत्तराधिकारी पक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

 

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