Friday, October 11, 2024
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Parveen Babi : बेशुमार दौलत के बावजूद भूख से हो गई परवीन बाबी की मौत, 3 दिनों तक फ्लैट में सड़ती रही लाश

Parveen Babi Birth Anniversary : कहते हैं कि पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है, लेकिन क्या वाकई यह बात सही है? कम से कम मशहूर दिवंगत बॉलीवुड अदाकारा परवीन बाबी (Parveen Babi) के मामले में तो यह बात बिल्कुल गलत साबित हो गई. बेशुमार दौलत और पॉपुलैरिटी के बावजूद परवीन अकेली थीं. 20 जनवरी 2005, वो दिन जब अपने जमाने की सबसे खूबसूरत और मशहूर एक्ट्रेस परवीन बाबी इस दुनिया को अलविदा कह चुकी थीं. डेड बॉडी देख उन्हें पहचान पाना भी मुश्किल हो गया है. 3 दिनों तक उनकी लाश फ्लैट पर सड़ती रही. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि एक्ट्रेस की मौत भूख की वजह से हुई थी.

एक जमाने की सबसे खूबसूरत और बोल्ड एक्ट्रेस परवीन बाबी (Parveen Babi) की आज 70वीं बर्थ एनिवर्सरी (Parveen Babi Birth Anniversary) है। दीवार (1975), अमर अकबर एंथोनी (1977), द बर्निंग ट्रेन (1980), शान (1980), कालिया (1981), नमक हलाल (1982) जैसी दर्जनों सुपरहिट फिल्मों का हिस्सा रहीं परवीन की निजी जिंदगी बेहद दर्दनाक थी।

परवीन करियर के पीक पर थीं, जब उन्हें पैरानॉइड सिजोफ्रेनिया नाम की लाइलाज बीमारी हो गई थी। उन्होंने अपनी बीमारी दुनिया से राज रखना चाही, लेकिन समय के साथ उनके बदलते-बिगड़ते रवैये ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।

कभी परवीन बाबी (Parveen Babi) कहती थीं कि अमिताभ बच्चन ने उन्हें किडनैप कर उनके गले में चिप लगा दी है, तो कभी वे पूर्व अमेरिकी प्रेसिडेंट बिल क्लिंटन और प्रिंस चार्ल्स जैसी इंटरनेशनल हस्तियों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाती थीं। परवीन बाबी को न्यूयॉर्क के पागलखाने में भी रखा गया था।

बीमारी के चलते परवीन इंडस्ट्री से दूर हो गईं और अकेलेपन में समय गुजारने लगीं। जब 2005 में फ्लैट में उनकी 3 दिनों से सड़ती हुई लाश मिली तो बॉलीवुड में हड़कंप मच गया।

आज से ठीक 70 साल पहले वली मोहम्मद खान के घर जूनागढ़ में बेटी परवीन बाबी का जन्म हुआ था। उनका परिवार जूनागढ़ के नवाबों के खानदान से ताल्लुक रखता था। परवीन बाबी का जन्म उनके पेरेंट्स की शादी के 14 साल बाद हुआ था, यही वजह रही कि उन्हें बचपन से ही नाजों से पाला गया था।

परवीन (Parveen Babi) महज 5 साल की थीं, जब उनके पिता वली मोहम्मद का इंतकाल हो गया, ऐसे में उनकी मां जमाल बख्ते बाबी ने अहमदाबाद में अकेले रहते हुए उनकी परवरिश की। माउंट कार्मल हाई स्कूल से पढ़ाई करने के बाद परवीन ने सेंट जेवियर कॉलेज से इंग्लिश लिट्रेचर की डिग्री हासिल की।

परवीन बाबी (Parveen Babi) कम उम्र से ही बेहद बोल्ड थीं। मॉडर्न कपड़े पहनकर खुलेआम सिगरेट पीने वालीं परवीन अक्सर लोगों का ध्यान खींच लिया करती थीं। यही वजह रही कि महज 18 साल की उम्र में परवीन को बड़े-बड़े मॉडलिंग प्रोजेक्ट मिलने लगे।

एक दिन उस दौर के पॉपुलर फिल्ममेकर बी.आर.इशारा अहमदाबाद में एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। परवीन भी शूटिंग देखने पहुंची थीं। जब शूटिंग ब्रेक हुआ तो मिनी स्कर्ट पहनकर पहुंचीं परवीन सेट से बाहर खड़ी होकर सिगरेट पीने लगीं। इसी बीच उन पर बी.आर. इशारा की नजर पड़ी। उन्होंने तुरंत अपने फोटोग्राफर से कहा, जाओ उस लड़की की इजाजत लेकर उसकी कुछ तस्वीरें क्लिक कर लाओ।

फोटोग्राफर गया और परवीन (Parveen Babi) ने तस्वीरें खींचने की इजाजत दे दी। बी.आर. इशारा को वो तस्वीरें इतनी पसंद आईं कि उन्होंने तुरंत परवीन को बुलाकर पूछा- मेरी फिल्म में काम करोगी?

परवीन ने उन्हें बड़े कॉन्फिडेंस से जवाब दिया- कहानी पसंद आई तो जरूर करूंगी।

जवाब सुनकर बी.आर. इशारा दंग रह गए कि कैसे एक यंग लड़की में इतना कॉन्फिडेंस हो सकता है। उन्होंने तुरंत परवीन को अपनी आने वाली फिल्म चरित्र की कहानी सुनाई, जो परवीन को पसंद आ गई। इस तरह परवीन को उनके करियर की पहली फिल्म चरित्र मिल गई। ये किस्सा बी.आर. इशारा ने वाइल्ड फिल्म्स इंडिया को दिए इंटरव्यू में सुनाया था।

परवीन की पहली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही, लेकिन उनकी खूबसूरती और अभिनय से इम्प्रेस होकर कई फिल्ममेकर उन्हें फिल्में ऑफर करने लगे। 1974 में रिलीज हुई फिल्म मजबूर परवीन की दूसरी फिल्म थी, जिससे वो देशभर में पहचानी जानी लगीं। आगे उन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म दीवार में बार डांसर का रोल प्ले कर खुद को इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेसेस में शामिल कर लिया।

परवीन बाबी का इंडस्ट्री में पहला अफेयर डैनी डेन्जोंगपा से रहा। दोनों का रिश्ता करीब 4 साल तक चला। परवीन कबीर बेदी के साथ भी रिलेशन में रहीं, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चला। कबीर बेदी से ब्रेकअप के बाद 1977 में महेश भट्ट उनका सहारा बने। महेश पहले से शादीशुदा थे, हालांकि इसका उनके रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा।

परवीन बाबी अपने करियर के पीक पर थीं, जब बॉलीवुड में खबरें फैलने लगीं कि वो पैरानॉइड सिजोफ्रेनिया नाम की गंभीर लाइलाज बीमारी से जूझ रही हैं। कई बार परवीन बाबी से उनकी बीमारी पर बात की गई, लेकिन हर बार उन्होंने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि इंडस्ट्री के लोग उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं और उनकी छवि खराब करना चाहते हैं।

परवीन बाबी ने कभी कबूल नहीं किया कि उन्हें पैरानॉइड सिजोफ्रेनिया है, हालांकि उनके अजीबो-गरीब बयान और बदला हुआ बर्ताव सब कुछ साफ कर रहा था।

परवीन बाबी की बीमारी के गवाह महेश भट्ट थे, जो उनके साथ रिलेशनशिप में थे। उनकी मौत के बाद महेश भट्ट ने फिल्मफेयर मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में अपने रिश्ते और कुछ अजीबो-गरीब घटनाओं का जिक्र किया था। उन्होंने इंटरव्यू में कहा था, हमारा रिश्ता 1977 में शुरू हुआ था, जब परवीन अमर अकबर एंथोनी और काला पत्थर की शूटिंग कर रही थीं।

हम साथ रहने लगे थे, लेकिन एक दिन अचानक बुरी कहानी शुरू हो गई। 1979 की एक शाम मैं उनके घर पहुंचा तो देखा कि उनकी बुजुर्ग मां जमाल बाबी कॉरिडोर में सहमी हुई खड़ी हैं। उन्होंने फुसफुसाकर कहा, ‘देखो परवीन को क्या हुआ’। मैं अंदर गया तो देखा कि ड्रेसिंग टेबल पर लाइन से परफ्यूम की बोतलें रखी हुई हैं और परवीन फिल्म कॉस्ट्यूम में पलंग और दीवार के बीच दुबकी बैठी हैं। वो कांप रही थीं और उनके हाथ में एक चाकू था।

मैंने उनसे पूछा कि क्या कर रही हो, तो उन्होंने धीमी आवाज में कहा, श्शशश…बात मत करो। इस कमरे में जासूसी करने वाले लोगों ने रिकॉर्डिंग डिवाइस लगा दी है। वे मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं। मुझ पर झूमर गिराने की कोशिश कर रहे हैं। मैं कुछ समझ नहीं पाया और कुछ देर में परवीन मेरा हाथ पकड़कर बाहर ले आईं। उनकी मां निराशा के साथ मुझे देख रही थीं। उनकी आंखें बता रही थीं कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।

परवीन की हालत देख महेश भट्ट समझ चुके थे कि उनकी हालत बिगड़ती जा रही है और उन्हें इलाज की सख्त जरूरत है। महेश, परवीन को लेकर कई नामी डॉक्टर्स के पास गए। पहले तो परवीन को मेडिसिन से ट्रीट करने की कोशिश की गई, लेकिन उससे बात नहीं बनी तो डॉक्टर्स ने उन्हें शॉक थेरेपी देने को कहा। महेश भट्ट ने इससे इनकार कर दिया।

फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में महेश भट्ट ने एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया था कि परवीन अपने आस-पास की हर चीज पर शक करती थीं। एक दिन उन्होंने महेश से कहा था कि उनके कमरे में लगे एयरकंडीशनर में एक चिप लगाई गई है। परवीन का वहम दूर करने के लिए महेश भट्ट ने पूरा एयरकंडीशनर खुलवाकर दिखाया, लेकिन वह फिर भी नहीं मानीं।

इसी इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, एक दिन हम मेरे दोस्त यू.जी.कृष्णमूर्ति से मिलकर लौट रहे थे, जो एक फिलॉसफर भी हैं। परवीन ने रास्ते में ही चिल्लाना शुरू कर दिया। कहने लगीं, कार में बम है और मुझे बम का अलार्म सुनाई दे रहा है। ये कहते ही वे चलती कार से उतरने की कोशिश करने लगीं। रास्ते में लोगों को लग रहा था कि परवीन और मेरी लड़ाई हो रही है। तमाशा बनने लगा तो मैंने उन्हें टैक्सी से घर पहुंचाया था।

महेश भट्ट को उनके डॉक्टर ने सलाह दी थी कि जब तक परवीन की हालत नहीं सुधरती, उन्हें फिल्मी दुनिया से दूर रखा जाना चाहिए। महेश भट्ट ने डॉक्टर की बात मान ली और 1979 में वो खुद भी परवीन के साथ मुंबई छोड़कर बैंगलोर शिफ्ट हो गए। जब बैंगलोर जाने के बाद भी परवीन की हालत में सुधार नहीं आया, तो डॉक्टर्स ने महेश भट्ट को उनसे दूर रहने की सलाह दी।

महेश भट्ट ने वही किया और वो परवीन को छोड़कर मुंबई लौट आए। वो मुंबई में रहकर ही डॉक्टर से संपर्क कर परवीन की मदद करते रहे। एक दिन परवीन ने डॉक्टरों से कहा कि वो वापस मुंबई लौटकर फिल्मों में काम करना चाहती हैं, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया।

​​​​​​​कई दिनों तक अलग रहने के बाद एक दिन महेश भट्ट, परवीन से मिलने बैंगलोर आए थे। परवीन ने मिलते ही उन्हें एहसास दिला दिया कि वो अपना इलाज नहीं करवाना चाहतीं। इस बात के लिए महेश को कन्विंस करने के लिए वो उन्हें सिड्यूस करने लगीं और कहा- या तो मैं या डॉक्टर। महेश भट्ट समझ गए और उन्हें छोड़कर निकल गए। ये बात परवीन से बर्दाश्त नहीं हुई और वो कम कपड़ों में ही उनके पीछे दौड़ पड़ीं।

आखिरकार 1980 में महेश भट्ट ने परवीन बाबी से सारे रिश्ते खत्म कर लिए। इस अलगाव के बाद परवीन ने इलाज कराना बंद कर दिया और मुंबई आकर फिर फिल्मों में काम करने लगीं।

परवीन जुहू स्थित फ्लैट में अकेले रहा करती थीं। वो लोगों से सिर्फ कॉल के जरिए संपर्क करती थीं। जब भी उनके पास कॉल आते थे, तो वो कहती थीं कि उनका कॉल सर्विलांस पर है। जबकि परवीन खुद सारे कॉल रिकॉर्ड करती थीं।

 22 जनवरी 2005, एज रिवेरा बिल्डिंग, 7वीं मंजिल, जुहू, मुंबई परवीन बाबी के अपार्टमेंट के बाहर दूध के पैकेट और अखबार जमा हो रहे थे। वो आमतौर पर रोजाना अखबार और दूध समय पर उठा लिया करती थीं, लेकिन उस दिन पड़ोसियों ने गौर किया कि परवीन कई दिनों से घर से बाहर नहीं निकली हैं।

जब पड़ोसियों ने पास जाकर जानने की कोशिश की तो फ्लैट से सड़न की बू आ रही थी। वो दुर्गंध इतनी तेज थी कि कोई दरवाजे के पास सांस नहीं ले पा रहा था। पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को खबर दी और जब पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो मंजर दिल दहला देने वाला था।

परवीन बाबी की लाश बिस्तर पर पड़ी थी, लेकिन पहचानने लायक नहीं थी। कमरा पूरी तरह बेतरतीब था और बिस्तर के पास एक व्हीलचेयर पड़ी थी। परवीन बाबी की मौत उनकी लाश मिलने के 72 घंटे पहले ही हो चुकी थी, जिससे उनका शरीर सड़ चुका था। खबर मिलते ही बिल्डिंग के नीचे मीडिया जमा हो गई। वहां कोई रिश्तेदार नहीं था, जो इनकी बॉडी को क्लेम करे।