Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा ऐप (Mahadev Satta App) की जांच अब CBI करेगी। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महादेव ऐप का मामला सीबीआई को सौंपने जा रही है। करीब 70 थानों में अलग-अलग FIR दर्ज है।
बिरनपुर और सीजी पीएससी भर्ती के बाद ये तीसरा मामला होगा, जो विष्णुदेव सरकार CBI को सौंपने जा रही है। ईडी के दावा के मुताबिक केस में प्रदेश के कई सीनियर नेता, अधिकारियों और कारोबारियों के नाम दर्ज हैं।
महादेव सट्टा ऐप (Mahadev Satta App) सट्टे के लिए बनाया गया है। इस पर यूजर पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम नाम के लाइव गेम खेलते हैं। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और चुनाव जैसे खेलों में भी अवैध सट्टा लगाया जाता है। अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिए ऐप का जाल तेजी से फैला। सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खोले गए।
महादेव बेटिंग ऐप को कई ब्रांच से चलाया जाता था। छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के मुख्य प्रमोटर हैं। वे दुबई से अपनी गतिविधियों का संचालन करते थे। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हर ब्रांच को फ्रेंचाइजी के तौर पर बेचते थे।
यूजर को शुरुआत में ही मुनाफा होता और बाद में घाटा। दोनों ने मुनाफे का 80 फीसदी हिस्सा अपने पास रख लिया। इसे इस तरह बनाया गया था कि सिर्फ 30 फीसदी यूजर ही जीतते, बाकी हार जाते। इस ऐप के जरिए होने वाली कमाई को हवाला के जरिए होटल बिजनेस और फिल्मों में लगाया जाता था।
विधानसभा चुनाव के दौरान तात्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 500 करोड़ रुपये पहुंचाने का आरोप लगा था। वहीं इस मामले में कई बालीवुड़ अभिनेता व अभिनेत्रियों को ईडी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था। इस मामले में प्रदेश के कई कांग्रेस विधायक व नेताओं के घरों व दफ्तरों में ईडी छापा मार चुकी है।
महादेव सट्टा एप को 2 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का फर्जीवाड़ा बताया गया है। पिछले ढाई साल से ईडी इस मामले की जांच कर रही है। अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। ऐसे में अब आगे की जांच सीबीआई की टीम करेगी। ऐसे में फिर एक बार नेताओं व कुछ अफसरों की परेशानी बढ़ेगी।