CG NEWS : केंद्र सरकार ने हाल ही में तीन कानून संसद के शीत कालीन सत्र में पारित किए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को कानूनों को अपनी सहमति दे दी। नए कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। इसे छत्तीसगढ़ में लागू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को पुराने पुलिस मुख्यालय में सीएम विष्णुदेव साय ने गृह विभाग की हाई लेवल मीटिंग (Home Department Meeting) ली।
बैठक (Home Department Meeting) में नए कानून को लागू करने के लिए बनाई गई कार्ययोजना को विभाग ने मुख्यमंत्री के सामने रखा। इस बैठक में प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा, डीजीपी अशोक जुनेेजा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, गृह विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, प्रमुख सचिव विधि रजनीश श्रीवास्तव, एडीजीपी विवेकानंद, एडीजीपी अमित कुमार, वित्त सचिव श्री अंकित आनंद समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने तीन नवीन कानूनों को लेकर कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दूरदर्शी सोच की वजह से ही ये संभव हो पाया है। उन्होंने कहा है कि आजादी के इतने वर्ष बाद भी हम अंग्रेजों के बनाए कानून का ही पालन कर रहे हैं जिसे बदलने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस को आने वाले समय में संसाधनों की कमी नहीं होगी और प्राथमिकता के आधार पर छत्तीसगढ़ पुलिस को और सशक्त करेंगे।
हमें अंग्रेजों के कानून से मुक्ति मिलने जा रही : इस बैठक (Home Department Meeting) के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, भारत में 150 साल पुराने कानून जो ब्रिटिश संसद में पास हुए थे उसी से पूरी प्रक्रिया चल रही थी। इसमें आईपीसी (इंडियन पीनल कोड), सीआरपीसी (क्रिमिनल प्रोसीजर कोड) की जगह नए कानून भारतीय आत्मा को ध्यान में रखते हुए बने हैं।
इन नए कानूनों का विभागीय प्रशिक्षण भी होगा। ये सभी कानून आधुनिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था देश का एक अहम विषय है। अब हमें अंग्रेजों के कानून से मुक्ति मिलने जा रही है।
महिला सुरक्षा एवं न्याय पर आधारित : छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री के समक्ष नवीन कानूनों के प्रावधानों की प्रस्तुति देते हुए भारतीय न्याय संहिता 2023, नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
जुनेजा ने कहा कि नवीन कानून दंड देने की बजाए पीडि़त को न्याय देने की भावना के साथ तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुराने कानून दंड पर आधारित हैं जबकि नए कानून महिला सुरक्षा एवं न्याय पर आधारित हैं।