Rajya Sabha Election : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ से सरोज पांडेय की जगह राजा देवेंद्र प्रताप सिंह (Devendra Pratap Singh) को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं आरपीएन सिंह और सुधांशु त्रिवेदी को उत्तर प्रदेश से उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा पार्टी ने बिहार, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.
छत्तीसगढ़ समेत 15 राज्यों के 56 राज्यसभा सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होगा। वोटिंग 27 फरवरी को सुबह 9 बजे से शाम चार बजे तक होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। चुनाव के लिए आयोग ने 8 फरवरी को अधिसूचना जारी कर दी है। नामांकन पत्रों की जांच की तारीख 16 फरवरी है। उम्मीदवार 20 फरवरी तक नाम वापस ले सकेंगे।
राज्यसभा सदस्यों के लिए चुनाव की प्रक्रिया अन्य चुनावों के काफी अलग है। राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। यानी कि राज्यसभा सदस्यों का चुनाव सीधे जनता नहीं करती, बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि (विधायक) राज्यसभा सदस्यों को चुनते हैं।
छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का कार्यकाल अप्रैल में खत्म होने को है। इसी एक सीट के लिए राज्यसभा चुनाव हो रहा है। प्रदेश के अन्य राज्यसभा सांसदों में कांग्रेस के तीन सदस्य हैं। इनमें बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राजीव शुक्ला, बिहार की रंजीत रंजन और केटीएस तुलसी शामिल हैं।
रायगढ़ जिले के रहने वाले देवेंद्र प्रताप (Devendra Pratap Singh) का ताल्लुक रायगढ़ के राज परिवार से है। जिन राजा चक्रधर की याद में चक्रधर समारोह प्रदेश में आयोजित किया जाता है ये उन्हीं के परपोते हैं। देवेंद्र प्रताप सिंह इस वक्त लैलूंगा की जिला पंचायत के सदस्य हैं।
लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। पूर्व में रायगढ़ जिले के संघ चालक रह चुके हैं। रेलवे समिति के सदस्य रह चुके हैं। राज्यसभा में देवेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे संघ का हाथ है क्योंकि देवेंद्र संघ के पसंदीदा रहे हैं। लैलूंगा के ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय ढंग से आदिवासियों के बीच संघ के कार्यक्रमों पर काम करते रहे हैं।
देवेंद्र प्रताप सिंह (Devendra Pratap Singh), दिलीप सिंह जूदेव और मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भी पुराने संबंध रखते हैं। रायगढ़ इलाके के राजनीतिक अभियानों में सभी ने साथ में काम किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में देवेंद्र प्रताप सिंह को लोकसभा का टिकट दिए जाने की चर्चा थी, वह स्वयं दावेदारी भी कर रहे थे।
वहीं पिछले विधानसभा में लैलूंगा से उन्होंने टिकट मांगी मगर नहीं मिली। देवेंद्र प्रताप सक्रियता से बीजेपी के लिए काम करते रहे कोई विवादित छवि ना होने और नया चेहरा होने की वजह से भाजपा ने इन्हें राज्यसभा में उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।