Friday, November 8, 2024
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CG Stray Animals : मवेशियों के कारण सड़क दुर्घटना, एसीएस ने कलेक्टरों को जारी किया अब ये फरमान

Chhattisgarh News : अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने सड़कों पर आवारा पशुओं (CG Stray Animals) के कारण हो रहे दुर्घटनाओं में जानमाल की क्षति को रोकने के लिए सभी जिला कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला पंचायत, जनपद पंचायत तथा ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की बैठक लेकर इस समस्या की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराने और इस समस्या के निदान पर उनकी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चिित करने कहा है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी ग्राम पंचायतों में और विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग तथा अन्य मुख्य राजमार्ग के पास स्थित कांजी हाउस अथवा गोठान में सड़क पर घूमते हुए आवारा पशुओं (CG Stray Animals) और मवेशियों को पकड़कर, कांजी हाऊस अथवा गोठानों में रखा जाये।

पशुओं और मवेशियों (CG Stray Animals) के चारा-पानी एवं सुरक्षा का ध्यान भी रखा जाये। इन कार्याे में आवश्यकतानुसार पशु चिकित्सा विभाग से समन्वय कर जरूरी मदद ली जाए। कांजी हाउस और गौठान में जल निकास की समुचित व्यवस्था की जाए। गौठान परिसर में पशुओं के बैठने हेतु कीचड, आदि से मुक्त स्थान की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस हेतु नरेगा या स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध अन्य मदों की राशि का. उपयोग किया जा सकता है।

दिशा निर्देश में यह भी कहा गया है सड़क पर आवारा पशुओं (CG Stray Animals) का स्थानीय आकलन, बसाहटवार कराते हुए निकटतम कांजी हाउस, गौशाला या गौठानों में पशुओं को रखने की क्षमता का भी आकलन कर लिया जाये। ऐसे आंकलन पश्चात् आवश्यकतानुसार नये कांजी हाउस की स्थापना के संबंध में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित की जाए। यदि कोई पशु बाहर घूमता हुआ पकड़ा जाता है, तो उन पशुओं के मालिक के ऊपर पशु अतिचार अधिनियम 1871 के प्रावधान अनुसार दण्ड अधिरोपित किया जाए।

राष्ट्रीय राजमार्ग एवं मुख्य राजमार्ग के पास वाले ग्राम पंचायत जहां से ज्यादातर पशुओं की मुख्य सड़क में जाने की संभावना हो उस ग्राम पंचायत में व्यवहार परिवर्तन का कार्यक्रम चलाया जाये। जिससे पशु और मवेशी मालिक मवेशियों को बांध कर रखे तथा सड़कों में जाने से रोके। सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों की जानकारी देने हेतु नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा संचालित टोल फ्री नंबर 1100 पर शिकायत की जा सकती है। इस हेतु ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, नगरीय प्रशासन विभाग से सामंजस्य स्थापित कर इस विभाग के अधिकारियों के नाम पोर्टल में अपलोड करे, ताकि उनसे आसानी से संपर्क किया जा सकें।

डेयरी उद्योग और पशु पालकों द्वारा पशुओं को सड़कों एवं आवागमन क्षेत्र में नहीं छोड़े जाने के संबंध में समझाईश दी जाए। इसके बाद भी सड़कों पर पशु (CG Stray Animals) पाए जाने पर नियमानुसार अर्थदण्ड एवं अन्य सुसंगत कार्यवाही करना सुनिश्चित की जाए। ग्राम पंचायत में स्थित कांजी हाउस और गोठान की जानकारी से समस्त नागरिकों को अवगत कराया जाये। घूमते पाये जाने वाले आवारा पशुओं हेतु पंचायत द्वारा निर्धारित दण्ड की जानकारी का भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। यदि नेशनल हाइवे अथॉरिटी के द्वारा नेशनल हाइवे में केटल ले एण्ड बे उपलब्ध होने पर इसके आस-पास वाले गौठानों में या कांजीहाउस में ले जाने की व्यवस्था की जाए।