Raipur News : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पीएससी घोटाले (CG PSC Bharti ) पर उच्च न्यायालय के निर्णय को राज्य सरकार के गाल पर एक जोरदार तमाचा बताया है और इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच कराने की मांग की है। श्री साव ने कहा कि प्रदेश के युवा और भाजपा लगातार इस घोटाले को लेकर आवाज उठा रही थी, लेकिन राज्य की भ्रष्टाचारी सरकार ने इस पर जाँच के आदेश नहीं दिए। परंतु अब न्यायालय के निर्णय के बाद यह सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। वैसे भी प्रदेश के लाखों युवा इस भ्रष्ट सरकार को उखाड़ने का संकल्प ले चुके हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि वर्ष 2021 की लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के परिणाम में मेरिट में आने वाले प्रतिभागियों में से ज्यादातर अधिकारी और कांग्रेस नेताओं के सगे-संबंधी थे। इस मामले में भाजपा ने जोर-शोर से आंदोलन भी चलाया था। भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री ननकीराम कँवर की याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने माना है कि पीएससी के आज सेवानिवृत्त हुए अध्यक्ष टामन सोनवानी के पुत्र, उनकी पुत्रवधु, भतीजे, भाई-बहू, भांजी का चयन हुआ है। इसी प्रकार अधिकारियों के बेटे-बेटियों व कांग्रेस नेताओं के सगे-संबंधियों का चयन बड़ी संख्या में किया गया है। श्री साव ने कहा कि इस भाई-भतीजावाद के कारण प्रदेश के मेहनती और योग्य उम्मीदवारों का चयन नहीं हो पाया। उच्च न्यायालय ने श्री कँवर की शिकायत को सही पाया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि पीएससी घोटाले (CG PSC Bharti ) पर उच्च न्यायालय का जो फैसला आया है, उससे प्रदेश सरकार को शर्म महसूस करनी चाहिए। प्रदेश के युवा और भाजपा शुरू से पीएससी की भर्ती में घोटाले और इसमें भाई-भतीजावाद होने को लेकर लगातार प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट कर रहे थे लेकिन हमेशा की तरह प्रदेश की भूपेश सरकार घोटालेबाजों की संरक्षक बनी नजर आ रही थी और इस मामले में किसी तरह की जाँच के आदेश नहीं दे रही थी। श्री साव ने कहा कि अब उच्च न्यायालय ने इस विषय पर संज्ञान लिया है, जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि किस तरह पीएससी में भाई-भतीजावाद चलाकर घोटाले किए गए हैं! ऐसी सरकार, जो पीएससी की भर्ती में घोटाला करे, युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करे, को एक क्षण भी सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि यह लोक सेवा आयोग (CG PSC Bharti ) की पहली और आखिरी गलती नहीं है। पिछले साल की तरह इस साल के परिणामों के बाद लोक सेवा आयोग ने उम्मीदवारों की उत्तरपुस्तिकाओं को ऑनलाइन जारी किया है। इसके बाद उम्मीदवारों के साथ हुए अन्याय का पर्दाफाश हुआ है। जिन उम्मीदवारों ने गलत उत्तर लिखे हैं, उन्हें पूरे अंक दिए गए हैं और जिन्होंने सही उत्तर लिखे हैं, उन्हें कम अंक दिए गए हैं।यहाँ तक कि पूरा पेज कोरा छोड़ने वाले को भी पूरे अंक दिए गए हैं! श्री साव ने कहा कि लोक सेवा आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर से युवाओं का विश्वास खत्म हो रहा है। प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करना एक दंडनीय अपराध जैसा है,भूपेश सरकार को इसका दंड भुगतना ही होगा।