Bharat Gaurav Train Tour : रायगढ़ से शिवनेरी तक : भारत गौरव ट्रेन से जानिए शिवाजी महाराज का गौरवशाली इतिहास

छत्रपति शिवाजी महाराज के ऐतिहासिक जीवन और उनकी वीरता से जुड़े प्रमुख स्थलों तक अब आम जन भी आसानी से पहुंच सकेंगे। भारतीय रेलवे और महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से भारत गौरव ट्रेन एक विशेष सर्किट यात्रा लेकर आई है, जो शिवाजी महाराज की जीवन यात्रा को छूती है। रायगढ़ किला, शिवनेरी, प्रतापगढ़ से लेकर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग और महालक्ष्मी मंदिर तक, यह छह दिन की यात्रा श्रद्धा, इतिहास और संस्कृति से भरपूर अनुभव कराएगी।

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Highlights
  • भारत गौरव ट्रेन 9 जून 2025 को मुंबई से रवाना हुई
  • यात्रा में रायगढ़, शिवनेरी, प्रतापगढ़, पन्हाला किला और लाल महल शामिल
  • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग व महालक्ष्मी मंदिर जैसे धार्मिक स्थल भी शामिल
  • यात्रा पूरी तरह बुक — कुल 710 यात्री, सभी श्रेणियों में
  • आईआरसीटीसी और महाराष्ट्र सरकार का संयुक्त सांस्कृतिक प्रयास

Chhatrapati Shivaji Maharaj Tour : भारतीय रेलवे (Bharat Gaurav Train Tour) खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने छत्रपति शिवाजी महाराज सर्किट भारत गौरव ट्रेन टूर शुरू किया है, जो 9 जून 2025 को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), मुंबई से रवाना हुई। यह ट्रेन महाराष्ट्र के उन प्रमुख स्थलों तक यात्रियों को ले जाएगी जो छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और वीरता से जुड़े हुए हैं।

यह विशेष ट्रेन (Bharat Gaurav Train Tour) 100% बुकिंग के साथ रवाना हुई है। कुल 710 यात्री इस यात्रा में शामिल हैं — जिनमें 480 यात्री इकोनॉमी (स्लीपर), 190 यात्री कम्फर्ट (3AC), और 40 यात्री सुपीरियर (2AC) में सफर कर रहे हैं। यह योजना शिवाजी महाराज के 351वें राज्याभिषेक समारोह के अवसर पर तैयार की गई है।

यात्रा का पहला दिन रायगढ़ किले से शुरू होता है, जो शिवाजी महाराज की राजधानी था और जहां उनका राज्याभिषेक हुआ था। कोंकण रेलवे नेटवर्क पर स्थित माणगांव स्टेशन से पर्यटक रायगढ़ जाएंगे। इसके बाद ट्रेन पुणे के लिए रवाना होगी, जहां यात्री रात बिताएंगे।

दूसरे दिन पुणे में लाल महल, कस्बा गणपति मंदिर और शिवसृष्टि थीम पार्क का दौरा होगा। लाल महल में शिवाजी महाराज का बचपन बीता था, और कस्बा गणपति मंदिर को उनकी माता जीजाबाई ने बनवाया था। शिवसृष्टि भारत का सबसे बड़ा ऐतिहासिक थीम पार्क है, जहां शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित 3D और इंटरैक्टिव अनुभव हैं।

तीसरे दिन यात्री शिवनेरी किले का भ्रमण करेंगे, जो शिवाजी महाराज की जन्मस्थली है। दोपहर बाद सभी यात्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन करेंगे — जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और अत्यंत पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है।

चौथे दिन ट्रेन सतारा पहुंचेगी, जहां पर्यटक प्रतापगढ़ किला देखेंगे। यह किला शिवाजी महाराज और अफजल खान के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध के लिए प्रसिद्ध है। इसके बाद ट्रेन अंतिम गंतव्य कोल्हापुर के लिए रवाना होगी।

पांचवें दिन कोल्हापुर में यात्री महालक्ष्मी मंदिर (अम्बाबाई) के दर्शन करेंगे, जो एक शक्तिशाली सिद्धपीठ है। फिर वे पन्हाला किला जाएंगे, जो शिवाजी महाराज और बाजी प्रभु देशपांडे की वीर गाथाओं से जुड़ा हुआ है। इसी किले में शिवाजी ने 500 से अधिक दिन बिताए थे।

छठवें दिन ट्रेन (Bharat Gaurav Train Tour) मुंबई लौट आएगी। यह छह दिवसीय यात्रा न केवल ऐतिहासिक स्थलों से जोड़ती है, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को भी सहेजती है।

सभी श्रेणियों में इस यात्रा में (Bharat Gaurav Train Tour) ट्रेन यात्रा, होटल में ठहराव, शुद्ध शाकाहारी भोजन, स्थानांतरण के लिए बस, दर्शनीय स्थलों की यात्रा, यात्रा बीमा और टूर एस्कॉर्ट की सुविधाएं शामिल हैं। यह एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और ज्ञानवर्धक यात्रा अनुभव होगा।

100% बुकिंग के साथ ऐतिहासिक ट्रेन रवाना

9 जून 2025 को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई से भारत गौरव ट्रेन ने अपनी यात्रा शुरू की। इस विशेष टूर का आयोजन आईआरसीटीसी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के 351वें राज्याभिषेक की स्मृति में किया गया। 710 यात्रियों की पूरी बुकिंग के साथ ट्रेन को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। यात्रा की अवधि कुल 6 दिन और 5 रातें है, जिसमें महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

रायगढ़ किले से शुरू हुआ शिवचरित्र दर्शन

यात्रा का पहला पड़ाव रायगढ़ किला है, जो शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक और राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। कोंकण रेल नेटवर्क के माणगांव स्टेशन पर पहुंचने के बाद पर्यटक बसों द्वारा रायगढ़ जाएंगे। यह ऐतिहासिक किला शिवाजी महाराज की शासन शक्ति और सैन्य दूरदर्शिता का प्रतीक है। दर्शन के बाद पर्यटक पुणे की ओर रवाना होंगे।

पुणे में लाल महल, कस्बा गणपति और शिवसृष्टि की झलक

पुणे में पर्यटक लाल महल, कस्बा गणपति मंदिर, और शिवसृष्टि थीम पार्क का भ्रमण करेंगे। लाल महल में शिवाजी महाराज के बचपन की स्मृतियाँ जुड़ी हैं। कस्बा गणपति मंदिर को शिवाजी की माता जीजाबाई ने बनवाया था, जिसे अब पुणे का प्रमुख देवता माना जाता है। शिवसृष्टि में 3D अनुभव के माध्यम से शिवाजी के जीवन को दर्शाया जाएगा।

शिवनेरी किला और भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirlinga)

यात्रा के तीसरे दिन पर्यटक शिवनेरी किले का दौरा करेंगे, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। यह किला मराठा शौर्य का प्रतीक है। उसी दिन दर्शन होंगे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर के, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर घने जंगल और पहाड़ियों के बीच स्थित है और पर्यटकों के लिए धार्मिक व प्राकृतिक दोनों दृष्टि से आकर्षक है।

प्रतापगढ़, महालक्ष्मी मंदिर और पन्हाला किला

ट्रेन आगे बढ़ेगी प्रतापगढ़ किले की ओर, जहां शिवाजी और अफजल खान के बीच ऐतिहासिक युद्ध हुआ था। कोल्हापुर पहुंचने पर पर्यटक महालक्ष्मी मंदिर (अम्बाबाई) के दर्शन करेंगे, जिसे अत्यंत शक्तिशाली सिद्ध पीठ माना जाता है। इसके बाद भ्रमण होगा पन्हाला किले का, जहां शिवाजी महाराज ने 500 दिन बिताए और वीर बाजी प्रभु देशपांडे की कथा जुड़ी है।

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