Thursday, October 17, 2024
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Kanpur Test : कानपुर स्टेडियम में तबाही मचा देने वाला गेंदबाज, कंगारू टीम को सिखाया था सबक

IND vs BAN Kanpur Test :  भारतीय टीम इस समय अपने घर में बांग्लादेश के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज (Kanpur Test) खेल रही है, जिसके पहले मैच में 280 रनों से जीत दर्ज की. अब भारत-बांग्लादेश के बीच दूसरा और सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच 27 सितंबर से कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जाएगा.

इस स्टेडियम का इतिहास काफी धांसू रहा है. यहां हमेशा से ही स्पिनर्स का बोलबाला रहा है. जब भी कानपुर स्टेडियम की बात हो और भारतीय ऑफ स्पिनर जसु पटेल का जिक्र ना हो, ऐसा नहीं हो सकता. जसु पटेल ही वो गेंदबाज हैं, जिन्होंने अपने दम पर ऑस्ट्रेलिया को पहली टेस्ट जीत दिलाई थी.

इतिहास पलटकर देखें तो भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट जीत हासिल करने में 12 साल (1947-1959) लग गए थे. इस दौरान भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती 9 टेस्ट मैचों में से 7 मुकाबले गंवाए थे, लेकिन 10वें टेस्ट में जाकर  भारत ने जीत का स्वाद चख ही लिया.

भारतीय टीम (Kanpur Test) को वह ऐतिहासिक जीत जीएस रामचंद्र की कप्तानी में कानपुर टेस्ट मैच (19-24 दिसंबर 1959) में मिली थी. उस मुकाबले में जसु पटेल ने अपना जलवा दिखाया था. मुकाबले के पहले दिन (20 दिसंबर) जसु ने ग्रीन पार्क की टर्निंग पिच पक एक-एक कर 9 शिकार किए थे.

इसके चलते रिची बेनो की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम 219 रनों पर सिमट गई. जसु ने जिन 9 बल्लेबाजों को आउट किया था उसमें 5 तो बोल्ड आउट हुए थे. वहीं 2 खिलाड़ी LBW आउट हुए थे. जबकि एक का तो कैच खुद जसु पटेल ने ही लिया था.

35.5 ओवर, 16 मेडन, 69 रन,  9 विकेट के साथ जसु पटेल का भारत के टेस्ट इतिहास में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड रहा था. उनका यह रिकॉर्ड अगले 40 साल तक कायम रहा. जसु का रिकॉर्ड उस वक्त टूटा जब लेग-स्पिनर अनिल कुंबले ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ सभी 10 विकेट चटका डाले.

कुंबले ने कहर बरपाती हुई गेंदबाजी करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच की एक पारी में सभी 10 विकेट झटके थे. भारत की पारी में 9 विकेट लेने की बात करें, तो जसु से पहले सुभाष गुप्ते ने 1958 में कानपुर में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ 9 विकेट (34.3-11-102-9) चटकाए थे.

टेस्ट की एक पारी में बेस्ट बॉलिंग (भारतीय गेंदबाज)

अनिल कुंबले : 26.3 ओवर, 9 मेडन, 74 रन, 10 विकेट vs पाकिस्तान (दिल्ली, 1999)
जसु पटेल : 35.5 ओवर, 16 मेडन, 69 रन, 9 विकेट vsऑस्ट्रेलिया (कानपुर, 1959)
कपिल देव : 30.3 ओवर, 6 मेडन, 83 रन, 9 विकेट vs वेस्टइंडीज (अहमदाबाद, 1983)
सुभाष गुप्ते : 34.3 ओवर, 11 मेडन, 102 रन, 9 विकेट vs वेस्टइंडीज (कानपुर, 1958)

जसु पटेल ने उस कानपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में भी 5 विकेट (55 रन देकर) चटकाए. 225 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 105 रनों पर सिमट गई. जसु भारत की ओर से एक टेस्ट में कुल 14 (124 रन देकर) विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने.

उनका यह रिकॉर्ड 1988 में जाकर टूटा, जब नरेंद्र हिरवानी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तत्कालीन मद्रास टेस्ट में 136 रन देकर 16 झटके. जसु के इस सनसनीखेज प्रदर्शन से भारत ने कानपुर टेस्ट 119 रनों से जीत लिया, हालांकि बाद में उस टेस्ट सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से अपने नाम किया.

एक टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज

नरेंद्र हिरवानी vs वेस्टइंडीज: 33.5 ओवर, 6 मेडन, 136 रन, 16 विकेट (चेन्नई, 1988)
हरभजन सिंह vs ऑस्ट्रेलिया: 80.1 ओवर, 26 मेडन, 217 रन, 15 विकेट (चेन्नई, 2001)
जसु पटेल vs ऑस्ट्रेलिया: 61.3 ओवर, 23 मेडन, 124 रन, 14 विकेट (कानपुर, 1959)
अनिल कुंबले vs पाकिस्तान: 51.0 ओवर, 13 मेडन, 149 रन, 14 विकेट (दिल्ली,1999)

सिर्फ 7 टेस्ट मैच खेलने का मिला मौका

जसु पटेल ने कानपुर टेस्ट (Kanpur Test) में उतरने से पहले तीन साल में एक भी टेस्ट नहीं खेला था. यानी कि उन्हें ट्रंप कार्ड के तौर पर टीम में लिया गया था. जसु के लिए यह आखिरी सीरीज भी साबित हुई. कानपुर टेस्ट के बाद वह दो और टेस्ट खेले. कुल मिलाकर जसु ने 7 टेस्ट में 29 विकेट चटकाए. बचपन में पेड़ से गिरने से जसु का हाथ टूट गया था. जिसके चलते उनका गेंदबाजी एक्शन कुछ ‘अलग’ था. साल 1992 में 68 साल की उम्र में जसु दुनिया को छोड़ गए.