Chhattisgarh Government Scheme : गरियाबंद कलेक्टर बीएस उइके ने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना (Deendayal Bhumihin Krishi Mazdoor Kalyan Yojana) के पात्र हितग्राहियों के पुनः सत्यापन एवं ई-केवाईसी को अनिवार्य बताते हुए जिले के सभी तहसीलदारों, जनपद पंचायत सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए योजना के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की पात्रता का पुनः सत्यापन एवं ई-केवाईसी संबंधित बैंक के माध्यम से समय-सीमा में पूर्ण किया जाना था, लेकिन कुछ तहसीलों, जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों द्वारा अब तक पुनः सत्यापन प्रक्रिया (Deendayal Bhumihin Krishi Mazdoor Kalyan Yojana) प्रारंभ नहीं की गई है।
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कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2024-25 में लाभान्वित सभी पात्र हितग्राहियों की पात्रता का पुनः सत्यापन एवं ई-केवाईसी निर्धारित तिथि तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कराई जाए तथा सत्यापन उपरांत योजना से संबंधित सभी जानकारियों की पोर्टल में प्रविष्टि भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका पालन किया जाना आवश्यक है।
कलेक्टर ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। खरीफ सत्र में जहां रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध रहते हैं, वहीं रबी सत्र में फसल क्षेत्र कम होने से रोजगार के अवसर सीमित हो जाते हैं। इस स्थिति में सबसे अधिक प्रभावित भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार (Deendayal Bhumihin Krishi Mazdoor Kalyan Yojana) होते हैं, जिन्हें ग्राम स्तर पर वैकल्पिक रोजगार के सीमित अवसर ही मिल पाते हैं। ऐसे परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
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इस योजना का मुख्य उद्देश्य भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की शुद्ध आय में वृद्धि कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना का संचालन राज्य स्तर पर आयुक्त, संचालक भू-अभिलेख तथा जिला स्तर पर कलेक्टर की निगरानी में किया जाएगा। योजना के अंतर्गत वही परिवार पात्र होंगे जिनके किसी भी सदस्य के नाम कृषि भूमि दर्ज न हो और जिनकी आजीविका का प्रमुख साधन कृषि मजदूरी, वनोपज संग्रहण या पारंपरिक पौनी-पसारी से जुड़ा कार्य हो। साथ ही अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी देवस्थलों से जुड़े पुजारी, बैगा, गुनिया आदि को भी विशेष प्रावधानों के तहत योजना लाभ (Deendayal Bhumihin Krishi Mazdoor Kalyan Yojana) में शामिल किया गया है।
आयकरदाता, शासकीय सेवक, जनप्रतिनिधि तथा भूमि धारक आय वाले परिवार इस योजना के अंतर्गत अपात्र होंगे। पात्र परिवारों का पंजीयन निर्धारित तिथि तक संबंधित पंचायत या नगरीय निकाय कार्यालयों में ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इसके बाद राजस्व अभिलेखों से सत्यापन, ग्राम सभा अथवा सामान्य सभा में दावा-आपत्ति की प्रक्रिया और अंत में जिला स्तर पर अंतिम अनुमोदन किया जाएगा, ताकि योजना का लाभ (Deendayal Bhumihin Krishi Mazdoor Kalyan Yojana) वास्तविक पात्र हितग्राहियों तक सुनिश्चित रूप से पहुंच सके।


