New Parliament Building : नए संसद भवन (New Parliament Building ) का इनॉगरेशन कल रविवार दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इनॉगरेशन प्रोग्राम (New Parliament Building ) में प्रधानमंत्री को सुनहरा राजदंड (सेंगोल) भेंट करने के लिए चेन्नई के धर्मपुरम अधीनम के 21 संत भी चेन्नई से दिल्ली पहुंच गए हैं। ये संत मोदी के लिए एक खास तोहफा भी लाए हैं।
नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है। वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है। भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फ ाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है।
वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉगरेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। वहीं, भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी।
आधुनिक सुविधाओं से लैस : नया संसद भवन (New Parliament Building )कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। त्रिकोण के आकर में बनाई गई नई संसद भवन की दिव्यता-भव्यता ने लोगों का दिल जीत लिया है। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत इस नए संसद भवन का निर्माण कराया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नई संसद की आधारशिला रखी थी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन का निर्माण किया है। इस बिल्डिंग को चर्चित आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया है. बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से आते हैं। वो इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं।
भव्य संविधान हॉल का निर्माण : इस भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल बनाया गया है। नए संसद भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी है। परियोजना को पूरा करने की समय सीमा नवंबर, 2022 रखी गई थी लेकिन ये अब बनकर तैयार हुआ है। तिकोने आकार में बना नया संसद भवन चार मंजिला है। ये पूरा कैम्पस 64,500 वर्ग मीटर के दायरे में फैला हुआ है। इसकी लागत 862 करोड़ रुपये है। नए भवन में एक संविधान हॉल है, जिसमें भारतीय लोकतंत्र की विरासत को दिखाया गया है।
1280 सांसदों के बैठने की व्यवस्था : अगर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो एक समय में इसमें 1,280 सांसद बैठ सकेंगे। मौजूदा संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। मौजूदा संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। नए संसद भवन के तीन मेन गेट हैं. ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार, वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी। नए संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है।