Naxalite Woman Killed : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले (Naxalite Woman Killed ) के आमाटोला-कलपर जंगल क्षेत्र में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सली की पहचान हो गई है। पुलिस ने पुष्टि की है कि मृत महिला माओवादी PLGA की सक्रिय सदस्य शांति उर्फ देवे है, जिस पर सरकार द्वारा ₹8 लाख का इनाम घोषित था।
20 जून को छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के ग्राम आमाटोला और कलपर के बीच कोटरी नदी पार के जंगल और पहाड़ी इलाके में यह मुठभेड़ हुई। जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की संयुक्त टीम ने विश्वसनीय सूचना के आधार पर यह ऑपरेशन चलाया।
कांकेर की पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलेसेला ने बताया कि मुठभेड़ के बाद मारी गई महिला की पहचान शांति उर्फ देवे, निवासी गुंडेम (जिला बीजापुर) के रूप में हुई। वह पहले गरियाबंद जिले की गोबरा एरिया कमेटी में सक्रिय थी और बाद में उत्तर बस्तर डिवीजन में PLGA की कंपनी नंबर 5 व 7 से जुड़ गई थी। उसकी संगठन में भूमिका को देखते हुए उस पर ₹8 लाख का इनाम घोषित किया गया था।
घटनास्थल से मिले रायफल, कारतूस (Naxalite Woman Killed )
घटनास्थल से .303 रायफल, देसी BGL लॉन्चर, सात जिंदा कारतूस, वॉकी-टॉकी सेट, दो पिट्ठू बैग, मोबाइल चार्जर, बैटरियां, माओवादी दस्तावेज, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गईं। मुठभेड़ के दौरान कुछ अन्य माओवादी जंगल और पहाड़ी क्षेत्र का लाभ उठाकर फरार हो गए। सुरक्षाबलों द्वारा आस-पास के इलाकों में तलाशी अभियान अभी जारी है ताकि बचे हुए माओवादियों को भी पकड़ा जा सके।
हिंसा का मार्ग छोड़ रहे हैं नक्सली (Naxalite Woman Killed )
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने इसे बड़ी सफलता करार देते हुए कहा कि “दंडकारण्य क्षेत्र में माओवादी हिंसा की जड़ें अब कमजोर हो रही हैं। नागरिकों की सुरक्षा और भयमुक्त वातावरण की स्थापना के लिए सुरक्षा बल पूरी निष्ठा के साथ प्रयासरत हैं।” उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति अब भी उन माओवादी कैडरों के लिए खुली है जो हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं।
डेढ़ साल में 412 ढेर व आत्मसमर्पण कर चुके
बीते 18 महीनों में बस्तर रेंज में माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई में 412 नक्सली ढेर या गिरफ्तार हुए हैं। इनमें CPI माओवादी के महासचिव बसवराजु उर्फ गंगन्ना और केंद्रीय कमेटी सदस्य गौतम उर्फ सुधाकर जैसे बड़े नेता भी शामिल हैं। शांति की मौत सुरक्षा बलों के लिए न सिर्फ रणनीतिक सफलता है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि माओवादियों का नेटवर्क कमजोर पड़ता जा रहा है। पुलिस अब शांति के संगठन में कार्यकाल और दर्ज मामलों से संबंधित विस्तृत जानकारी संकलित कर रही है।