रायपुर। शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर बीएड-डीएड संघ के बैनर तले आंदोलन जारी है। सोमवार को राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल में अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर सीएम हाउस का घेराव करने निकले थे, लेकिन पुलिस ने बूढ़ा तालाब धरनास्थल के नजदीक श्याम टॉकीज के पास ही रोक लिया। इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झूमाझटकी भी हुई। सैकड़ों की संख्या में वहां जमा हुए अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर रहे हंै। प्रदर्शनकारियों को पुलिस आगे नहीं बढऩे दे रही। मौके पर मौजूद पुलिस के आलाधिकारी समझाने का प्रयास कर रहे हंै। प्रदर्शनकारियों ने मांगें पूरी नहीं होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। अगर रायपुर जिला प्रशासन उन्हें हटा देगी तो अपने-अपने घरों के बाहर कोविड 19 गाइडलाइन का पालन करते हुए भूख हड़ताल करने की बात कही है। छत्तीसगढ़ में 14 हजार 580 नियमित शिक्षकों की भर्ती का मामला पिछले कई महीनों से अधर में है। अभ्यर्थी लंबे समय से आंदोलनरत हैं। 22 अगस्त को प्रदर्शन कर 1 सितंबर तक नियुक्ति करने का अल्टीमेट दिया था। जब मांगें पूरी नहीं हुई तो सोमवार की सुबह से ही पूरे प्रदेश से बीएड डीएड संघ के लोग रायपुर धरनास्थल बूढ़ा तालाब के पास पहुंचने लगे और सुबह 10 बजे से ही धरना स्थल पर बैठे गए। सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की चेतावनी दी थी। तय समय पर दोपहर में अभ्यर्थी जुलूस बनाकर नारेबाजी करते हुए आगे बढऩे लगे। पुलिस ने भी पहले से ही तैयारी कर रखी थी। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने दो स्थानों कालीबाड़ी और श्याम टाकीज के पास बैरिकेडिंग कर रखी थी। पुलिस ने श्याम टॉकीज के पास ही रोक दिया। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में वहां जमा हुए अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां: रायपुर जिला प्रशासन द्वारा बूढ़ा तालाब धरनास्थल के बगल में ही स्थित इंडोर स्टेडियम को अस्थायी कोविड 19 अस्पताल बनाया है। इसी से श्याम टॉकीज भी लगा हुआ है। कोविड 19 हॉस्पिटल होने की वजह से यह इलाका संवेदनशील है। बीएड डीएड संघ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस द्वारा कोविड 19 अस्पताल के ठीक सामने रोकने पर हंगामा बढ़ गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी हुई। दोनों तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई।
अल्टीमेटम के बाद भी सरकार गंभीर नहीं: शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि पिछली बार हमने 22 अगस्त को धरना दिया था और सरकार को 1 सितंबर तक नियमित शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन हमारी मांगें पूरी करने की बजाय सरकार ने एक साल की समयावधि बढ़ाकर उनके साथ धोखा किया है। इसलिए मजबूरन हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठना पड़ा है।