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समिति के परिवहन का बिल मार्कफेड को नहीं भेजा, सीधे काट ली राशि, अपेक्स बैंक के शाखा प्रबंधक, पर्यवेक्षक और सुपरवाइजर की मिलीभगत से हुआ घपला

रायगढ़। रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह के संज्ञान लेने के कारण खाद परिवहन घोटाले की जांच सही तरीके से समय पर हो सकी है। इसमें ऐसे-ऐसे तथ्य प्रकाश में आए हैं जिसे सुनकर लोग चौंक जाएंगे। डबल लॉक सेंटर समितियों में अगर खाद खत्म हो गया तो समिति मांग करती थी। उसका परिवहन करने के बाद बिल के लिए अपेक्स बैंक को मार्कफेड को बिल भेजना था। लेकिन ऐसा करने के बजाय समिति के एकाउंट से राशि काट ली गई। कई डिलीवरी मेमो में तारीख ही नहीं मिली तो किसी में दो तारीखें लिखी हुई हैं। खाद परिवहन घोटाले में अपेक्स बैंक और गोदाम प्रभारी के सहयोग से 40 लाख से ज्यादा का अवैध भुगतान चार ट्रांसपोर्टरों को किया गया। इसकी जांच में कई नए-नए मामले सामने आते गए जो भारी गड़बड़ी को पुष्ट करते हैं। नियमों के मुताबिक डबल लॉक सेंटर घोषित रायगढ़ की 33 समितियों में खाद पहुंचाने का खर्च उर्वरक कंपनी को ही वहन करना है। फिर भी अगर बीच में समिति को खाद की जरूरत पड़ गई तो वह मार्कफेड के गोदाम से खाद की मांग कर सकती है। ऐसी स्थिति में परिवहन व्यय का बिल अपेक्स बैंक को डीएमओ को भेजा जाना था। लेकिन अपेक्स बैंक ने डीएम काटकर उसकी राशि समिति के एकाउंट से काट ली और ट्र्रांसपोर्टर को भुगतान कर दी। यह गलती अपेक्स बैंक के पर्यवेक्षक और सुपरवाइजर की ओर से की गई। जांच में पता चला कि मार्कफेड के छह गोदामों से जारी कुछ मेमो में तारीख तक नहीं है। कुछ मेमो तो ऐसे हैं जिसमें दो अलग-अलग तारीखें अंकित हैं। समिति को भेजे गए खाद का कोई हिसाब-किताब भी अपडेट नहीं किया गया। ट्रांसपोर्टर द्वारा प्रस्तुत बिलों को ही सही मान लिया गया और समितियों के खातों से राशि काट ली गई। कुछ समितियों में भी गड़बड़ी मिली है। कंपनी ट्रांसपोर्टर द्वारा खाद पहुंचाने के बाद बिल्टी में समिति प्रबंधक ने रिसीविंग लेकर साइन किए। उसी खाद के लिए दोबारा बैंक के ट्रांसपोर्टर ने भी डिलीवरी मेमो में प्रबंधक के साइन ले लिए। खाद तो एक ही बार गया लेकिन दो बिलों में भुगतान हो गया।

सभी से वसूली की अनुशंसा
जांच कमेटी ने मार्कफेड के गोदाम प्रभारी, बैंक पर्यवेक्षक, शाखा प्रबंधक, ट्रांसपोर्टर और कंपनी के विक्रय प्रतिनिधि को जिम्मेदार माना है। गड़बड़ी की राशि वसूल करने की अनुशंसा भी की गई हे। जांच टीम ने परिवहन भुगतान की 40,54,484 रुपए का 25 प्रश बैंक पर्यवेक्षक से, गोदाम प्रभारी से 35 प्रश और शाखा प्रबंधक से 40 प्रश वसूलने की अनुशंसा की है। गोदाम प्रभारी, पर्यवेक्षक और शाखा प्रबंधक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। समितियों को नोटिस देने की भी तैयारी है।

ट्रांसपोर्टर का नाम           परिवहन राशि
रमेश अग्रवाल                1,01,735 रु.
मनीष अग्रवाल               7,19,345 रु.
सुरजीत सिंह                19,10,758 रु.
नटवरलाल डनसेना       13,22,644 रु.
कुल भुगतान                40,54,484 रु.

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