रायपुर। सिस्टम की मार से लाचार-बेबस और कुछ छुटभैय्ये कांग्रेसी नेताओं से प्रताड़ित महिला सब इंजीनियर ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में पहुंच कर जमकर हंगामा किया। मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले का है। हंगामा कर रहे महिला को पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस घटना ने मुख्य अतिथि समेत देश-प्रदेश में रायगढ़ जिला प्रशासन की फजीहत जरूर करा दी। हंगामा कर रही महिला बरमकेला जपं अध्यक्ष में पदस्थ सब इंजीनियर सोनल जैन हैं। जो करीब 8 महीने पहले बरमकेला जपं अध्यक्ष तारा शर्मा के पति अरूण शर्मा समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं पर प्रताड़ित व छेड़छाड़ करने का गंभीर आरोप लगाई थी। महिला इंजीनियर के खिलाफ भी एक मामला दर्ज है। महिला शुरू से रायगढ़ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ी कर रही है। महिला का आरोप था कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर छेड़छाड़ का अपराध दर्ज नहीं किया, कांग्रेसी नेताओं के दबाव में जमानती धाराएं लगाई गई। महिला ने शनिवार की रात अपने एफबी वॉल में लिखा कि वो अब अपने नौकरी से इस्तीफा दे देंगी। वह नौकरी नहीं करेगी क्योंकि यहां महिलाओं की कोई इज्जत ही नहीं करता और न ही कोई महिलाओं का यहां सुनने वाला है। जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी कलेक्टोरेट से लगे मिनी स्टेडियम में कोविड 19 की वजह से राज्य शासन के गाइडलाइन का पालन करते हुए लिमिटेड लोगों की उपस्थिति में स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा था। तभी महिला इंजीनियर यहां पहुंची और हंगामा करने लगी। इससे कुछ देर के लिए कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हो गई। कार्यक्रम स्थल में मुख्य अतिथि संसदीय सचिव रश्मि सिंह भी मौजूद थीं। रायगढ़ कलेक्टर भी नवपदस्थ हैं। उन्हें भी महिला सब इंजीनियर का मामला उनके संज्ञान में नहीं होगा? लेकिन एसपी समेत अन्य अधिकारी पूरे मामले से वाकिफ है। जिला प्रशासन की फजीहत न हो इसलिए मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता दिखाते हुए तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
जपं अध्यक्ष पति समेत अन्य नेताओं पर लगाए थे आरोप: महिला सब इंजीनियर ने नवंबर 2019 में एसपी को एक लिखित शिकायत करते हुए ब्लैकमेल करने का आरोप लगाई थी। अपनी शिकायत में कहा था कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा राजनीतिक दबाव डालकर ब्लैकमेल व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। अपनी लिखित शिकायत में लुकापारा सरपंच पति अरूण शर्मा (वर्तमान में बरमकेला जपं अध्यक्ष पति), तत्कालीन बोंदा सरपंच पति सुकलाल राठौर, पिहरा सरपंच पति अनंतराम, सांकरा के केशव पातर समेत अन्य पंचायतों में चल रहे कार्यो में ज्यादा का मूल्यांकन करने के लिए दबाव डालने का आरोप था। मूल्यांकन ज्यादा नहीं दिखाने पर कार्यक्षेत्र से हटाने, उनके खिलाफ झूठी शिकायत करने का आरोप था।