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रायगढ़ में यूरिया की कालाबाजारी चरम पर, किसी ने लिया 16 सौ बोरी तो कोई उठाया 400 बोरी, नौकरों के नाम पर दिखाई डेढ़ सौ एमटी खरीदी

रायगढ़। सरकार कोशिश कर रही है कि हर किसान के पास पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो ताकि खेती में दिक्कत न आए। लेकिन कालाबाजारियों को काबू कर पाना बहुत मुश्किल है। इस साल पॉस मशीन और आधार नंबर अनिवार्यता के बावजूद समितियों और व्यापारियों ने खेल कर दिया। जिले में 36 ऐसे खरीदारों का पता चला है जिन्होंने मिलकर 1070 एमटी यूरिया खरीद लिया। इनकी जांच में कई बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। गुरुवार को जिले में दो बड़ी कार्रवाइयां हुईं। पहला मामला रायगढ़ ब्लॉक के कोड़तराई समिति का है। यहां एडीएम ने जांच में पाया कि सभी किसानों को जमीन और जरूरत के हिसाब से यूरिया देने के बजाय छह लोगों को 153 एमटी यूरिया दे दिया। इतनी ज्यादा मात्रा में यूरिया खपाने के लिए उतनी जमीन भी होनी चाहिए। कोड़तराई समिति में अमृत लाल राठिया ने 18 एमटी, करमसिंह राठिया ने 18 एमटी, दुबराज सिंह पटेल ने 18 एमटी, भगत राठिया ने 18 एमटी, हेमलाल ने 27 एमटी और अरुण कुमार दुबे ने सबसे ज्यादा 54 एमटी यूरिया प्राप्त किया है। आगे की जांच में पता चला कि इनमें से किसी के पास इतनी जमीन नहीं है कि वो पांच एमटी यूरिया का उपयोग कर सके। इसका मतलब यूरिया ले जाने का उद्देश्य कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करना है। नंदेली के पास स्थित कोड़तराई समिति में किसानों को अब यूरिया मिलने में किल्लत हो रही है। दरअसल हर साल यही खेल होता है। पहले कुछ लोग सांठगांठ कर ज्यादा यूरिया ले लेते हैं और जब बाद में डिमांड बढ़ती है तो फिर मनमाने दामों में बेचा जाता है। यूरिया में ही ऐसा किया जाता है। सरकार ने पॉस मशीन और आधार की अनिवार्यता कर दी तो अब ये खेल सामने आ रहे हैं। केवल कोड़तराई समिति में ही ऐसा नहीं हुआ बल्कि खरसिया, कनकबीरा, तमनार, दानसरा, साल्हेओना, तौसीर, बोंदा आदि समितियों से कई संदिग्ध लोगों को यूरिया दी गई है।

सरिया में सबसे ज्यादा गड़बड़ी
गुरुवार को ही बरमकेला तहसीलदार राकेश वर्मा ने सरिया के लाइसेंसी पवन अग्रवाल के दुकान में जांच की। पता चला कि पवन ने अपने नौकर समेत तीन लोगों जयकिशन यादव 44.775 एमटी, विकास चौहान 35.820 एमटी व राधेश्याम शर्मा 35.415 एमटी कुल 116 एमटी मतलब 257 बोरी यूरिया बेच दिया। ये तीनों ही किसान इतने बड़े किसान नहीं हैं। सरिया में एक और फर्म में गड़बड़ी हुई है जिस पर ध्यान नहीं दिया गया। पंकज ट्रेडर्स के संचालक ने अपने नौकर जितेंद्र देहरी सुरसी के नाम पर 18 एमटी व परसरामपुर के नवीन प्रधान के नाम पर 18 एमटी यूरिया बेचा है। जांच टीम ने पंकज ट्रेडर्स का रुख ही नहीं किया।

यूरिया का गणित ऐसे समझिए
धान की फसल जब थोड़ी संभलने लगती है और पानी पर्याप्त होता है तो यूरिया डाला जाता है। इससे पौधे तेजी से बढ़ते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि किसी भी खेत में बेहिसाब यूरिया डाल दिया जाए। किसानों के अनुसार एक एकड़ में दो बोरी मतलब 90 किलो यूरिया पर्याप्त होता है। कृषि विभाग के मापदंडों के मुताबिक समिति से किसी भी किसान को प्रति एकड़ 87 किलो यूरिया से ज्यादा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इससे अधिक की जरूरत ही नहीं होती।

सबसे ज्यादा 72 एमटी गोरपार के व्यक्ति के नाम
जिले में 36 ऐसे लोगों की सूची मिली है जिन्होंने 18 एमटी से लेकर 72 एमटी तक यूरिया खरीदा है। सबसे ज्यादा मात्रा 72 एमटी यूरिया पुष्पेंद्र सिंह मरकाम निवासी गोरपार ने खरसिया समिति से 5 जून से 11 जुलाई के बीच खरीदा। मतलब एक ही आदमी ने खरसिया समिति से 1600 बोरी यूरिया ले लिया। अब किसानों को कहां से खाद मिलेगी। इसी तरह संजय कुमार गोरपार ने खरसिया सोसायटी से 43.650 एमटी यूरिया 11 जून से 11 जुलाई के बीच खरीदा। यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन को समितियों और व्यापारियों पर कार्रवाई करनी होगी।

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