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रायगढ़ टिमरलगा बैरियर में चल रही धांधली पर रोक लगी तो बौखलाए खनिज माफिया

रायगढ़। खनिज विभाग अब मुख्य खनिजों को ऑनलाइन पोर्टल से जोड़ने के बाद गौण खनिजों को भी इस व्यवस्था का हिस्सा बना रहा है। डोलोमाइट के खदानों को ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज किया जा रहा है। इसके अलावा टिमरलगा खनिज बैरियर में सख्त पहरा कर दिया है। इसका असर भी दिखने लगा है। कोरोना संक्रमण के काल में भी जून तक डोलोमाइट से सवा करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया जा चुका है।
अब तक गौण खनिजों का उत्पादन व परिवहन के लिए खनिज विभाग ऑनलाइन टीपी जारी करता रहा था। लेकिन कोयला खदानों को खनिज ऑनलाइन पोर्टल में जोडऩे के बाद गौण खनिजों को भी शामिल करने की मांग की जाने लगी। खनिज निरीक्षक राकेश वर्मा ने डोलोमाइट के पट्टाधारकों को पहले इसमें शामिल करने का काम प्रारंभ किया। जिले के कुल 12 खदानों में से सात ने अब तक इस व्यवस्था से खुद को जोड़ लिया। अब उनके खदान से डोलोमाइट की गाड़ी निकलती है तो ऑनलाइन टीपी के साथ। इसके अलावा पिछले दिनों टिमरलगा खनिज बैरियर का सिस्टम भी बदला गया है। यहां से पहले बिना पर्ची के और ओवरलोड गाडिय़ां निकलने की शिकायतें आम थी। आए दिन लोकल माफिया बैरियर में बवाल मचाते रहते थे। इसलिए बैरियर के स्टाफ को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई। बीच में सारंगढ़ एसडीएम ने यहां औचक जांच भी कर दी जिससे सतर्कता बढ़ गई है। इसका असर राजस्व वसूली में भी दिखने लगा है। डोलोमाइट से वर्ष 18-19 में 7.68 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था जबकि 19-20 में 7.23 करोड़ हो गया। लेकिन अब 20-21 में यह जून तक की स्थिति में 1.24 करोड़ पहुंच चुका है। पिछले दो सालों के दौरान कोरोना संक्रमण नहीं था इसलिए साल भर निर्बाध कारोबार चला। लेकिन इस साल कोरोना की वजह से लॉकडाउन भी लग गया। लेकिन इसके बावजूद सवा करोड़ का राजस्व प्राप्त हो चुका है। बताया जा रहा है कि ऑनलाइन टीपी का सिस्टम शुरू करने के कारण गड़बड़ी रुक गई और पूरी रॉयल्टी खनिज विभाग के खाते में जमा हीे रही है।

लाइमस्टोन में भी बढ़ रहा राजस्व
डोलोमाइट के बाद लाइमस्टोन की माइंस को भी ऑनलाइन पोर्टल से जोडऩे का काम शुरू होगा। इस साल कोरोना संक्रमण होने के बावजूद पिछले दो सालों की तुलना में 50 प्रश राजस्व मिल चुका है। आंकड़े देखें तो लाइमस्टोन से 18-19 में 8.65 करोड़ व 19-20 में 8.48 करोड़ रॉयल्टी प्राप्त हुई थी। 20-21 के तीन ही महीनों में अब तक 4.34 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। टिमरलगा और गुड़ेली में सख्ती करने के कारण यह असर हुआ है।

अक्टूबर से मार्च तक सबसे ज्यादा राजस्व
जून 2020 तक ही सवा करोड़ रुपए डोलोमाइट से मिल चुके हैं जबकि लाइमस्टोन से भी 4.34 करोड़ प्राप्त हो गए हैं। हर साल अक्टूबर से मार्च के बीच सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। मतलब अभी पीक टाइम शेष है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल डोलोमाइट और लाइमस्टोन से मिलने वाला राजस्व पिछले दोनों सालों के रिकॉर्ड को पार कर जाएगा। अभी कोरोना संक्रमण के कारण व्यापार कम हुआ है लेकिन राजस्व में कमी नहीं आई है।

 

वर्सन
डोलोमाइट को खनिज ऑनलाइन पोर्टल से जोड़ा गया है। लाइमस्टोन को भी जोड़ा जाएगा। इसका असर राजस्व पर भी दिख रहा है। इस वर्ष पिछले सालों की तुलना में ज्यादा रॉयल्टी मिलने की उम्मीद है। टिमरलगा बैरियर में भी सख्ती की जा रही है।
– राकेश वर्मा, खनिज निरीक्षक

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