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रायगढ़ विधायक का करीबी सरपंच हाईकोर्ट स्टे के बाद भी बना रहा था स्कूल की जमीन पर पंचायत भवन, देर रात महिलाएं बैठी धरने पर, कलेक्टर को फोन लगाकर कहा रूकवा दीजिए काम नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी, दौड़े भागे पहुंचे ईमानदार तहसीलदार व सीईओ, ग्रामीणों के आक्रोश से हुए पानी-पानी

रायगढ़। रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक का करीबी सरपंच अपनी मनमानी करते हुए हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद स्कूल की जमीन पर पंचायत भवन का काम करा रहा था। इससे आक्रोशित महिलाएं धरने पर बैठ गईं। ग्रामीणों ने पहले जपं सीईओ व सरिया थाने में मामले की सूचना दी, लेकिन किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। इस पर सीधे ग्रामीणों ने रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह को फोन लगाया और कहा कि काम रूकवा दीजिए नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी। इसके बाद तहसीलदार व जपं सीईओ मौके पर पहुंचे और कलेक्टर के आदेशानुसार काम रूकवा दिया, लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश से ईमानदार तहसीलदार व जपं सीईओ पानी पानी हो गए। मामला छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के बरमकेला जपं क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत तोरा की है। बरमकेला जपं के ग्राम तोरा में स्कूल परिसर की जमीन पर ही पंचायत भवन बनाने का काम लगभग छह महीने पहले शुरू हुआ था। पंचायत भवन का भूमि पूजन विधायक प्रकाश नायक द्वारा किया गया था। उस वक्त भी ग्रामीणों ने रायगढ़ विधायक को वस्तुस्थिति से अवगत कराया था और अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन सत्ता के नशे में चूर रायगढ़ विधायक ने इस आपत्ति को दरकिनार कर दिया। ग्रामीणों ने ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय तक इसकी शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायत को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया तो वे हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे। जहां कोर्ट ने काम रोकने का आदेश जारी किया था। स्टे मिलने के बाद ग्रामीणों ने सबसे पहले ग्राम पंचायत के सचिव को स्टे ऑर्डर की कॉपी उपलब्ध करवाते हुए काम बंद करने कहा तो सचिव ने जनपद सीईओ से आर्डर आने के बाद काम रोकने की बात कही। इस पर ग्रामीणों ने बरमकेला जनपद सीईओ को फोन लगाकर पूछा कि आपके पास स्टे ऑर्डर पहुंचा ही कि नहीं। इस पर सीईओ नीलाराम पटेल गोलमोल जवाब देने लगे। ग्रामीणों ने सरिया थाने में इसकी जानकारी दी वहां से रेवेन्यू का मामला होने की वजह से हम कुछ नहीं कर पाने की बात कही गई। ऐसे में ग्रामीण आनन फानन में सरपंच द्वारा पंचायत भवन का ढलाई कराने पर आक्रोशित हो गए और निर्माण स्थल पर पहुंच कर जमकर हंगामा किया। यहां भी ग्रामीण सीईओ से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला तो सीधे कलेक्टर भीम सिंह को फोन लगाकर जानकारी दी। कलेक्टर ने बरमकेला तहसीलदार व सीईओ को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद मौके पर पहुंचे और काम रूकवाया, लेकिन ग्रामीणों ने ऐसी खरी खरी सुनाई कि पानी पानी हो गए।

स्टे की खबर मिली तो बढ़ी दी मजदूरों की संख्या: सरपंच व सचिव को हाईकोर्ट से स्टे की खबर मिलते ही रातों रात मजदूरों की संख्या बढ़ा दी। जहां पहले महज 15 से 20 मजदूर काम कर रहे थे। वहां रातोंरात मजदूरों की संख्या 50 से भी अधिक हो गई। रात में ही सरपंच पंचायत भवन की ढलाई करने में लगा हुआ था, ग्रामीणों को भनक लगते ही वे मौके पर पहुंचे और हाईकोर्ट द्वारा स्टे देने की बात कहते हुए काम बंद करने कहा, लेकिन रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के मिले संरक्षण की वजह से सरपंच अपनी मनमानी करता रहा।


ईमानदार अफसर राजनीतिक दबाव में दुबक गए: कुछ किसानों द्वारा गांव के बच्चों को बेहतर शिक्षा अपने गांव में ही मिल सकें। इसलिए अपनी बेशकीमती जमीन दान पर दी है, लेकिन खुद को रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक का करीबी बताने वाले सरपंच ने अपनी मनमानी करते हुए स्कूल परिसर की जमीन पर ही पंचायत भवन का निर्माण कर दिया। ग्रामीणों ने निर्माण कार्य प्रारंभ होते ही इसका विरोध किया। बरमकेला तहसीलदार, सारंगढ़ एसडीएम व बरमकेला जपं सीईओ तक को शिकायत की, लेकिन किसी ने काम नहीं रूकवाया। इसके बाद ग्रामीण हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे। जहां 17 सितंबर को हाईकोर्ट की ओर से सभी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगाने का आदेश पारित करते हुए स्थानीय प्रशासन जिला प्रशासन, जिला पंचायत व अन्य को नोटिस भेजा गया था, लेकिन स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बनकर आदेश की अवहेलना करता रहा।

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