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मुख्यालय पर नहीं रहते पटवारी रामभरोस, भगवान भरोसे किसान!

संजय चौधरी, बरमकेला। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले इच्छुक नए किसानों का धान पंजीयन किया जा रहा है। किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक किया जाएगा। मतलब पंजीयन करवाने के लिए किसानों के पास मात्र 7 दिनों का समय है। पंजीयन पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर किया जा रहा है। इसके लिए हल्का पटवारियों को उनके मुख्यालय में रहने व हल्का क्षेत्र में भ्रमण करने के निर्देश शासन ने दिए है, लेकिन इस आदेश का पालन कुछ पटवारियों के द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसमें बरमकेला तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का नंबर 43 बिरनीपाली के पटवारी रामभरोस सिदार भी शामिल है। इस पटवारी के मुख्यालय व हल्का क्षेत्र में नहीं रहने के चलते आमजन त्रस्त हैं। गिरदावली में त्रुटियां होने की वजह से कई किसानों का रकबा कम हो गया है तो कई किसानों का छूट गया है। कुछ किसान संशोधन करवाने चाहते हैं, लेकिन पटवारी रामभरोस क्षेत्र के अन्नदाताओं को भगवान भरोसे छोड़ गए है। पटवारी अपने हल्का क्षेत्र में रहने की बजाय बरमकेला मुख्यालय में डेरा जमाए रहता है। इसके चलते लोगों को 20 किमी का सफर कर अपने काम के लिए आना पड़ता है। लोगों का आरोप है कि पंजीयन आवेदन में हस्ताक्षर करने तक के लिए 200 से 300 रुपए तक वसूली की जा रही है। इस पटवारी के विभिन्न कार्यों के लिए अवैध राशि वसूली को लेकर किसान परेशान हैं। कृषि संबंधी दस्तावेजों को बनाने में भी पटवारी हीला हवाला कर राशि की मांग करता है। पटवारी द्वारा किस कदर गरीब किसानों को नक्शा, खसरा परिवर्तन, नाम सुधार, बंटवारानामा, सीमांकन के लिए घुमाया फिराया जाता है, जिससे अधिकांश किसान परेशान हैं। बता दें कि बिरनीपाली हल्का के पहले रामभरोस की पोस्टिंग साल्हेओना में थी। यहां भी ग्रामीण व किसान पटवारी की मनमानी से त्रस्त थे। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से की थी। तब इसे साल्हेओना से हटाकर बिरनीपाली में पदस्थ कर दिया गया है। अब तक इस पटवारी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होने की वजह से इसकी मनमानी चरम पर है।

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