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मंत्री उमेश पटेल को जिओ कंपनी ने दिखाया ठेंगा, नेटवर्क अब तक चालू नहीं, ऑनलाइन पढ़ाई करने घर की छतों पर नेटवर्क ढूंढ रहे बच्चे

संजय चौधरी, बरमकेला। प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं युवा खेल कल्याण मंत्री उमेश पटेल के आदेश को देश की सबसे बड़ी मोबाइल नेटवर्क जिओ कंपनी ने ठेंगा दिखा दिया है। मंत्री के निर्देश पर दो महीने बाद भी कंपनी ने नेटवर्क चालू नहीं किया है। जबकि कंपनी की तरफ से मंत्री पटेल को पखवाड़े भर के भीतर नेटवर्क चालू करने का आश्वासन दिया गया था। मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण वर्तमान में सबसे ज्यादा खामियाजा स्कूली बच्चों को उठाना पड़ रहा है। बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए घरों के छतों पर बैठ रहे हैं, लेकिन यहां भी उन्हें नेटवर्क नसीब नहीं हो रहा है, बल्कि बारिश व धूप से भी परेशान हो रहे हैं। दरअसल, रायगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक अंतर्गत कई ग्राम पंचायत आज भी मोबाइल नेटवर्क से अछूता है। इनमें ग्रापं कालाखूंटा व जोगनीपाली भी शामिल हैं। इन पंचायतों में करीब तीन साल पहले से मोबाइल टॉवर लगा हुआ है, लेकिन आज तक चालू नहीं हुआ है। इसे चालू करवाने के लिए स्थानीय लोगों ने 12 जुलाई 2020 को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। मंत्री पटेल ने इसे तत्काल संज्ञान में लेकर जिओ कंपनी के अधिकारियों को अपने घर बुलाया और ग्रामीणों की उपस्थिति में खूब खरी खोटी सुनाई। जिस पर कंपनी की तरफ से 15 दिनों के भीतर नेटवर्क चालू करने की बात कही गई थी। इस दौरान नेटवर्क को चालू करने के लिए कुछ सामग्री पंचायत में जरूर भेजा गया, लेकिन आज एक महीने का समय गुजर चुका। अब तक कंपनी ने अपने किए हुए वायदे पूरे नहीं किए। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीण इस बात से भी चितिंत है कि जब कंपनी प्रदेश के एक मंत्री की बात नहीं सुन रही है तो फिर उनकी समस्या का हल कहां होगा, वे किसके पास जाए, जिससे उनके यहां भी मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिल पाए। जिओ कंपनी की ऐसी मनमानी पूरे प्रदेश में है। तीन साल पहले जिओ कंपनी को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने पंचायतों में टॉवर लगाने के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध कराया था। साथ ही लोगों को मोबाइल भी मुफ्त में दिया जा रहा था। सत्ता परिवर्तन होते ही मोबाइल वितरण पर रोक लगा दिया गया था, लेकिन मोबाइल नेटवर्क को चालू करने के लिए कंपनी को भूपेश सरकार ने निर्देशित किया था। क्योंकि ये नेटवर्क पंचायतों की सरकारी जमीन पर खड़ी की गई है। सरकार के आदेश के बावजूद जिओ कंपनी अपनी मनमानी कर रही है।

नेटवर्क चालू होने पर इतने गांव होंगे लाभान्वित: बरमकेला जनपद पंचायत क्षेत्र के कालाखूंटा व जोगनीपाली ग्राम पंचायत में लगे मोबाइल नेटवर्क चालू होने पर करीब दो दर्जन गांव लाभान्वित होंगे। इनमें कालाखूंटा, जोगनीपाली, कमलापानी, केरमेली, खम्हरिया, अकबरटोला, बीजामाला, लीमपाली, बनवासपाली, झाल, सरायपाली, सेमरापाली, छैलभांठा, मौहाडीपा, तरेकेला, ढोसरबहाल, दमदमा, धौरादरहा, जालाकोना समेत 20 से 25 गांव लाभान्वित होंगे।

ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित: कोरोना वायरस की वजह से शैक्षणिक संस्थाएं बंद है। इससे इंटरनेट आधारित ऑनलाइन शिक्षा पर इन दिनों जोर दिया जा रहा है। छात्र इंटरनेट आधारित ऑनलाइन अध्ययन में भी संलग्न हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क के कारण छात्रों को पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है। इंटरनेट नेटवर्क कमजोर होने के कारण छात्र चाह कर भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। हल्का नेटवर्क मिलने पर बच्चे अपने घरों की छतों से भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें बेहतर नेटवर्क नहीं मिल रहा है। जो उनकी पढ़ाई में बाधा बन रहा है। नतीजतन, वे परेशान हैं। इसके अलावा, अन्य राज्यों में उच्च शिक्षा लेने वाले छात्र भी ताला बंद होने के कारण इन दिनों अपने घरों में आ गए हैं। कमजोर नेटवर्क के कारण उन्हें अपने स्वयं के शैक्षणिक संस्थानों से शैक्षिक सामग्री और अन्य जानकारी प्राप्त करने में भी कठिनाई हो रही है।

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