क्राइमरायगढ़

फैक्ट्री लगाने के नाम पर महिला ने फर्जी दस्तावेजों से लिया 35 लाख रुपए का लोन, शिकायत करने के बाद एफआईआर करवाने में टालमटोल कर रहे बैंक ऑफ बड़ौदा के बैंक मैनेजर

रायगढ़। पूरे प्रदेश में घोटाले व गड़बडिय़ों के लिए चर्चित छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक नया घोटाला सामने आया है। इस बार एक महिला ने बैंक को 5-10 नहीं, बल्कि सीधे-सीधे 35 लाख रुपए की चपत लगाई है। इसकी शिकायत बैंक ऑफ बड़ौदा के ब्रांच मैनेजर ने रायगढ़ कोतवाली थाने ें तो कर दी, लेकिन एफआईआर करवाने के लिए पुलिस के बुलाने पर भी नहीं आ रहे हैं। इससे बैंक प्रबंधन पर भी सवालों के घेरे में है। मिली जानकारी के मुताबिक महिला मृदुबाला राय पति अजय कुमार राय ने कपड़े का कारखाना लगाने के नाम से बैंक ऑफ बड़ौदा रायगढ़ ब्रांच में लोन एप्लाई किया था। उसने आर्या क्रिएशन के नाम पर फैक्ट्री लगाने के लिए लोन लिया। बैंक ने उसे 15 लाख रुपए सीसी और 20 लाख रुपए का टर्म लोन मंजूर किया था। मृदुबाला ने नई दिल्ली की एक कंपनी से मशीनें मंगवाने का कोटेशन प्रस्तुत किया था, जिसके एवज में 20 लाख की राशि मंजूर की गई थी। 15 लाख रुपए उसे स्टॉक मेंटेन करने के लिए मिले थे। केंद्र सरकार की योजना के तहत बैंक ने टारगेट पूरा करने लाने एप्रूव कर दिया। हर महीने किश्तें जमा की जानी थी लेकिन महिला ने कुछ समय बाद लोन पेमेंट करना बंद कर दिया। बैंक के कर्मचारी लोन रिकवरी के लिए महिला की तलाश करने लगे। फोन पर भी वह टालमटोल करने लगी। बैंक पर भी लोन के एनपीए होने की स्थिति में दबाव बढऩे लगा। बैंक में प्रस्तुत इन्कम टैक्स रिटर्न की भी पड़ताल की गई। पता चला कि महिला ने दो आईटीआर फाइल किए थे जिसमें से एक फर्जी है। उसी आईटीआर के आधार पर महिला ने लोन लिया था। बैंक ने और जांच की तो कई दूसरे डॉक्यूमेंट भी फर्जी मिले। इसके बाद सिटी कोतवाली में बैंक मैनेजर रंजीत कुमार बर्मन ने महिला पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है। जल्द ही महिला के खिलाफ एक और अपराध पंजीबद्ध हो सकता है।

दो पैन कार्ड है महिला के नाम पर: जब लोन एनपीए हो गया तो बैंक प्रबंधन ने जांच की। महिला के नाम पर दो आईटीआर फाइल करने की बात सामने आई। और गहराई से पड़ताल हुई तो पता चला कि महिला के नाम पर दो पैन कार्ड सीएमएक्सपीबी 9150 के और एयूजीपीआर 3348 क्यू हैं। एक ही व्यक्ति के नाम पर दो पैन कार्ड रखना अपराध है। महिला ने 9 नवंबर 2016 का आईटीआर बैंक में दिया था जो फर्जी मिला है। उसने एक और आईटीआर 20 मार्च 2017 को भी दाखिल किया है। यह मामला अब बैंक ऑफ बड़ौदा के विजिलेंस विभाग को भी भेजा जा चुका है।

मशीन की कीमत मिली आधी: बैंक ने लोन रिकवरी के लिए जब महिला द्वारा लगाए कारखाने के पते पर टीम भेजी तो वहां स्टॉक जीरो मिला। मतलब 15 लाख रुपए के लोन की शर्त का उल्लंघन किया गया। महिला ने जिन मशीनों की कोटेशन बैंक में प्रस्तुत की थी, उनकी कीमत जानबूझकर दोगुनी दिखाई गई थी। केवल दस लाख की मशीन को 20 लाख बताकर लोन ले लिया गया। इस तरह बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। फर्जी दस्तावेज पेश कर बैंक ऑफ बड़ौदा को भी उल्लू बनाने वाली महिला के विरुद्ध बैंक मैनेजर एफआईआर करवाने में टालमटोल कर रहे हैं।

वर्सन….
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लेने की शिकायत बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर ने की है, लेकिन एफआईआर करवाने के लिए बुला रहे हैं फिर भी वे नहीं आ रहे। जब दस्तावेज लेकर आएंगे तो आरंभिक छानबीन के बाद धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया जाएगा।
एसएन सिंह, टीआई कोतवाली रायगढ़।

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