रायपुर। महिलाओं व लड़कियों में पीरियड्स से जुड़ी समस्या पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज (पीसीओडी) या पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जो कि अंडाशय के बाहरी किनारों पर छोटे-छोटे सिस्ट के बढ़ने का कारण बनता है। इससे मादा हार्मोन एंडोर्फिन के कामकाज को बाधित करता है और अंडाशय चक्र असामान्य हो जाता है। उक्त बातें शहर की प्रसिद्ध व अनुभवी स्त्री रोग व प्रसूति रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. प्रज्ञा सूर्यवंशी ने कही।
आज कल हर दस में से 2 महिला पीसीओडी व पीसीओएस से ग्रसित है। ये एक हार्मोनल समस्या है जिसमें महिलाओं के पीरियड अनियमित हो जाते हैं। इससे मोटापा बढ़ता है, साथ ही मां बनने की क्षमता कम हो जाती है। इन दिनों यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसको व महिलाओं से संबंधित अन्य समस्याओं को लेकर हमने स्त्री रोग व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रज्ञा सूर्यवंशी से चर्चा की। उन्होंने इन समस्याओं के कारण व उनके उपचार के तरीके भी बताए। उन्होंने पीसीओडी व पीसीओएस को लेकर कहा कि आज कल 60-70 प्रतिशत महिलाओं व लड़कियों में यह सुनने व देखने को मिल रहा है। जबकि पहले 1 प्रतिशत महिलाओं में यह नहीं था। यह समस्या लाइफ स्टाइल चेंज होने का परिणाम है। आज हमारा डाइट प्लान सही नहीं है। खेलने के बच्चों की हैबिट ठीक नहीं है। आज कल 8 से 10 साल के बच्चों में एकाद ही नार्मल दिखते हैं बाकी ओवरवैट नजर आते हैं। यह सब खेलकूद से दूर होना है। भाग-दौड़ वाली जिंदगी, टाइम पर खाना न खाना, वर्कआउट न करना, जंक फूड की ओर आर्कषित होना, ज्यादा सोचना व तनाव लेना सहित अन्य कई कारण है। इसकी वजह से महिलाओं में पीसीओडी की शिकायतें है। इससे बचना है तो डिसआर्डर को आर्डर करना पड़ेगा। मतलब लाइफ स्टाइल जो बदल गई है उसी सही तरीके से नार्मल करना पड़ेगा। यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए इसका इलाज भी नहीं है। इस समस्या से छुटकारा चाहिए तो लाइफ स्टाइल में सुधार जरूरी है। इसके लिए हाई कोलेस्ट्राल, हाई फैट और हाई कार्बोहाइड्रेड डाइट से परहेज करें और नियमित रूप से व्यायाम करें तो सब कुछ नार्मल हो सकता है।
जानिए, कौन हैं डॉ प्रज्ञा सूर्यवंशी– डॉ. प्रज्ञा सूर्यवंशी वीआईपी इस्टेट विधानसभा रोड एसएमसी हार्ट इंस्टीट्यूट एंड आईवीएफ रिसर्च सेंटर में स्त्री रोग और प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं। वह प्रसूति और बांझपन का उपचार करने में माहिर है। वह इस क्षेत्र में पिछले ढाई दशकों से भी अधिक समय से काम कर रही हैं। ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और बाद में रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से प्रसूति और स्त्री रोग में एमडी किया। उन्होंने जर्मनी से आईवीएफ डिप्लोमा की डिग्री ली। 1993 बैच की चिकित्सक डॉ. सूर्यवंशी ग्वालियर मेडिकल कॉलेज और रायपुर के पंडित जेएनएम कॉलेज में लेक्चर भी रह चुकी हैं। उन्हें आईसीओजी फैलोशिप से भी सम्मानित किया गया है।
गर्भवती महिलाएं रखे अपना खास ख्याल: गर्भाव्स्था के दौरान होने वाला इंफेक्शन मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। डॉ. प्रज्ञा सूर्यवंशी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि वह बाहर का खाना न खाएं। गर्भवती महिलाओं को घर का बना हुआ खाना ही खाना चाहिए। हमारे यहां साफ पानी की समस्या भी है। इसलिए कोशिश करें कि वॉटर प्योरिफाई का पानी ही पिएं। जंक फूड्स को भी पूरी तरह से अवाइड करें और खुद के साथ-साथ अपने आसपास साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। हमेशा हाथ धोकर खाना खाएं। इससे आप स्वस्थ्य रहेंगी।
कुपोषण एक बड़ी समस्या: वर्तमान समय में देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में कुपोषण एक गंभीर व जटिल समस्या है। इससे निबटने के लिए सरकार अपनी तरफ से प्रयासरत हैं, लेकिन आवांछित सफलता अब तक नहीं मिला है। कुपोषण को लेकर डॉ. प्रज्ञा सूर्यवंशी ने कहा कि अच्छा पोषण बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर शुरूआती दिनों के दौरान। वैसे तो हर व्यक्ति को पौष्टिक भोजन लेना बहुत जरूरी होता है, लेकिन यह गर्भावस्था के समय में लेना और महत्वपूर्ण हो जाता है। क्योंकि इससे बच्चे की सेहत जुड़ी होती है। बच्चे के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए विटामिन, कैल्शियम, आयरन, वसा और कार्बोहाड्रेड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार बच्चे को देना बहुत महत्वपूर्ण है। प्रेंगनेंसी में गर्भवती महिला व बच्चों के लिए प्रोटीन की रिक्वायरमेंट बढ़ जाती है। बेबी को आहार मदर्स से ही मिलता है। इसलिए गर्भवती महिला को एक्सट्रा प्रोटीन की आवश्यकता होती है, पर महिलाएं इस पर ध्यान नहीं दे पाती। इसके कारण कई तरह की समस्याएं आती है और फिर कुपोषण का शिकार बनते हैं। महिलाएं गर्भावस्था में अपने खाने पर विशेष ध्यान दें, जंक फूड को अवाइड कर दें।