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नवरात्रि को लेकर प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन 6 फीट से ऊंची मूर्ति, 15 फीट से बड़ा पंडाल नहीं, दर्शन को आया व्यक्ति संक्रमित हुआ तो इलाज का खर्च उठाएंगे आयोजक

रायपुर। कोरोनाकाल में नवरात्रि उत्सव को लेकर रायपुर जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें 28 प्वाइंट हैं। उत्सव के दौरान 6 फीट से ऊंची मूर्ति, 15 फीट से बड़ा पंडाल बनाने पर रोक है। वहीं, पंडाल में एक बार में 20 से ज्यादा लोग नहीं होंगे। प्रसाद और चरणमृत वितरण पर भी रोक लगाई गई है। गणेश उत्सव की तरह नवरात्रि पूजा पंडाल में दर्शन के लिए आने वाले व्यक्ति के संक्रमित होने पर इलाज कर खर्च आयोजक को उठाना होगा। जिला प्रशासन की ओर से मूर्ति की ऊंचाई से लेकर पंडाल तक की साइज का निर्धारण किया है। गाइडलाइन का अनुपालन नहीं किए बिना दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित नहीं की जा सकेंगी। एडीएम विनीत नंदनवार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि जो भी आयोजक शर्तों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भारत सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन करना होगा।

पंडाल में लगाने होंगे 4 सीसीटीवी कैमरे: जिला प्रशासन ने इस बार कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए पंडाल में 4 सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए हैं। पंडाल में कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जा सकेगा। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बांस-बल्ली लगाकर बैरिकेडिंग करनी होगी। मूर्ति का साइज 6 बाई 5 फीट और पंडाल का 15 फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पंडाल में कुर्सियां नहीं लगेंगी, साथ ही 20 से ज्यादा लोग एक बार में वहां मौजूद नहीं होंगे। मूर्ति दर्शन के लिए आने वाले लोगों का भी नाम पता और मोबाइल नंबर लिखना होगा। जिससे संक्रमित मिलने पर उसका कांटेक्ट मिल सके।

आयोजकों को ये भी व्यवस्था करनी होगी: सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश, क्यू मैनेजमेंट की व्यवस्था करनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार मिलने पर पंडाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अगर पंडाल में दर्शन के लिए आया व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो आयोजकों को पूरा खर्च उठाना होगा। इस बार पूजा के दौरान जगराता, भंडारा आदि कार्यक्रमों की इजाजत नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए सिर्फ एक गाड़ी होगी। झांकी की अनुमति नहीं होगी। डीजे या किसी भी वाद्य यंत्र को बजाने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए सिर्फ एक गाड़ी और 4 लोग ही जा सकेंगे। वे भी गाड़ी में बैठकर ही जाएंगे। मूर्ति स्थापना के लिए सात दिन पहले निगम की अनुमति लेनी होगी। एक से दूसरे पंडाल के बीच की दूरी 250 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए। सिर्फ निर्धारित मार्ग से ही विसर्जन के लिए जा सकेंगे। सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद अनुमति नहीं होगी। बड़े वाहन का प्रयोग भी वर्जित होगा।

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