

रायगढ़। खाद की किल्लत पर किसानों के प्रति संवेदना रखने के बजाय इसे अवसर के रूप में भुनाने वाले व्यापारी सक्रिय हो चुके हैं। जिन लाइसेंसी व्यापारियों को खाद कंपनियों ने उर्वरक सप्लाई किया, उन्होंने रेट बढ़ाकर इसे दूसरे खुदरा व्यापारियों को बेच दिया। अब यह खाद ग्रामीण इलाकों में ज्यादा दरों पर बेची जा रही है। ऐसा ही एक मामला सरिया में पकड़ा गया है। कई दिनों से सरिया इलाके में खाद की कालाबाजारी की खबरें आ रहीं थी। इसे देखते हुए कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे। मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को बरमकेला तहसीलदार राकेश वर्मा ने सरिया के खाद व्यापारी पवन अग्रवाल के यहां दबिश दी। पवन अग्रवाल को कृषि विभाग से अनुमति मिली हुई है। लेकिन यह खाद न तो किसी दूसरे व्यापारी को बेची जा सकती है और न ही ज्यादा दामों में किसानों को बेच सकते हैं। जांच में पाया गया कि पवन ने तीन अन्य लोगों को 40-40 एमटी खाद थोक में बेच दिया। दरें भी ज्यादा हैं। जबकि खाद किसी किसान को ही बेचा जा सकता है।
किसान को ही बेच सकते हैं खाद: कृषि विभाग में अनुज्ञप्ति प्राप्त कारोबारी उर्वरक कंपनियों से खाद प्राप्त करते हैं। उन्हें भी हर किसान से आधार नंबर लेकर पॉस मशीन के जरिए खाद बेचने का आदेश है। वो किसी दूसरे व्यापारी को खाद नहीं बेच सकते। कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए सरकार ने यह नियम बनाए हैं। लेकिन सरिया में पवन अग्रवाल ने किसानों को खाद उपलब्ध न करवाकर दूसरे व्यापारियों को दिया। जिनको खाद बेचा गया वे किसान भी नहीं हैं। अब जांच प्रतिवेदन बनाकर कार्रवाई की जा रही है जिसमें एफआईआर भी हो सकती है।

चंदन के लिए सरिया के एक अधिकारी ने की मुखबिरी: जांच टीम सरिया के चंदन अग्रवाल के यहां भी जांच करने के लिए पहुंची थी। कई दिनों से उसके द्वारा दोगुने दाम पर यूरिया किसानों को बेचे जाने की खबर आ रही थी। राजधानी टाइम्स छत्तीसगढ़ ने ही इसका खुलासा किया था। लगातार खबर प्रकाशित होने पर बरमकेला तहसीलदार ने यहां भी छापेमारी की। नगर में चर्चा है कि सरिया के एक अधिकारी ने चंदन अग्रवाल को पहले ही सूचित कर दिया कि उसके यहां कभी भी छापा पड़ सकता है। इससे यूरिया की कालाबाजारी करने वाला चंदन सभी खाद को दूसरे जगह शिफ्ट कर दिया। इसके चलते जांच टीम को एक भी यूरिया की बोरी नहीं मिल पाई।
