रायपुर। पांच साल से बीमार हूं, कोई काम नहीं कर पाता हूं। मेरी पत्नी ही रोजी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रही है। अपने खर्चे के लिए भी पत्नी से पैसे मांगता हूं तो हमारे बीच झगड़ा हो जाता है। दो दिन पहले भी पैसे मांगने की बात को लेकर हमारा झगड़ा हो गया तो गुस्से में मैं डैम में उतर गया। मुझे अंदाजा ही नहीं था कि पानी का बहाव इतना तेज होगा। कुछ देर तो मैं पत्थर पर बैठा रहा, लेकिन बात जान तक आ पहुंची तो मैं पेड़ की एक टहनी पकड़ कर बैठ गया। अच्छा हुआ मुझे इन्होंने (वायु सेना) बचा लिया, मैं इनका जीवन भर शुक्रगुजार रहूंगा। यह कहना है…. बिलासपुर के खूंटाघाट डैम में फंसे गिधौरी के 43 वर्षीय जितेंद्र कश्यप का, जिसे सोमवार की सुबह वायु सेना ने रेस्क्यू कर जान बचाई थी। रात भर पानी में रहने की वजह से तबीयत बिगड़ गई थी। इलाज के लिए राजधानी रायपुर के रामकृष्ण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जहां जितेंद्र कश्यप मीडिया से रू-ब-रू होते हुए अपनी आप बीती बताई। जितेंद्र से जब यह पूछा गया कि जब एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर में उसे रायपुर लेकर आया गया तो उसे क्या महसूस हुआ। छत्तीसगढ़ी बोली में अपनी बात रखते हुए जितेंद्र ने कहा -जहाज में बैठ के मोला अब्बड़ मजा आइस भाई, ए सेना के जवान मन ह बचाइस मोर जान, में कभू नई भूला सको, सुवारी ले झगड़ा कर बांध म उतर गे। अब में बने हव अस्पताल म सब झन मोर बने जतन करत हे।