

रायपुर। ये तस्वीर छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के सरिया नगर की है। अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रहे व्यक्ति खेमानिधि पटेल (84 वर्ष) हैं। 84 वर्ष की उम्र का पड़ाव ऐसा एक वक्त होता है। जब इंसान घर में रहने को मजबूर होता है, लेकिन सरिया नगर पंचायत से करीब 8 किमी दूर स्थित जामपाली निवासी खेमानिधि पटेल को यह मंजूर नहीं। इतनी उम्र के बावजूद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को पिछले डेढ़ दशक से नियमित रूप से पानी से धोने व उन्हें फूलों की माला पहनाने से कभी नहीं चूकते। देशभक्ति व अहिंसावादी विचारधारा वाले व्यक्ति खेमानिधि की माने तो बापू, उनके तन व मन में बसे हुए हैं। सर्दी हो, गर्मी हो या फिर बरसात, लेकिन वे रोजाना सुबह 8 किमी साइकिल चलाकर अपने गांव से सरिया नगर मुख्यालय तक का सफर तय हैं। ये सिलसिला साल पूरे 365 दिनों तक चलता है। धूल से सनी प्रतिमा को धोने के बाद उसे अपने ही गमछे से साफ भी करते हैं। इसके बाद घर से बनाकर लाए गए माला को राष्ट्रपिता को पहनाते हैं।
धूल से सना देखने पर अंदर से होती थी पीड़ा: खेमानिधि बताते हैं कि जब भी मैं बापू की प्रतिमा को धूल से सना हुआ देखता था तो मुझे अंदर से पीड़ा होती थी। कई महीनों व सालों तक ऐसा ही चलता रहा, फिर एक रात ऐसा महसूस हुआ कि बापू मुझसे कुछ कहना चाहते है। इसके बाद से मेरा नजरिया ही बदल गया और मैंने प्रतिमा की सफाई का बीड़ा उठा लिया। बापू मेरे अंदर बसते हैं।

साफ-सफाई के बाद मिलता है सुकून: खेमानिधि की माने तो राष्ट्रपिता की प्रतिमा को साफ-सफाई व नमन करने के बाद उन्हें सुकून मिलता है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। जब शुरूआत में उन्होंने बापू के प्रतिमा की सफाई शुरू की तो स्थानीय लोग पागल समझते थे, लेकिन यह सिलसिला दिन, महीने से सालों साल चलने लगा तो लोगों की नजरिया ही बदल गया। अब लोग उन्हें सम्मान की नजरों से देखते हैं और कई दफा सरिया पुलिस व स्थानीय सामाजिक संगठनों द्वारा उन्हें सम्मान भी किया गया।
