रायपुर। शारदीय नवरात्र की नवमी और दशमी तिथि को लेकर संशय की स्थिति है। इस पर ज्योतिषाचार्यों ने स्पष्ट कर दिया है कि अष्टमी तिथि आज शनिवार 24 अक्टूबर को है। कल यानी 25 अक्टूबर को सुबह नवमी और शाम को दशहरा मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. रितेश शर्मा ने बताया कि पंचांगों के अनुसार नवरात्रि में उदयातिथि को मान्य किया जाता है। इसके अनुसार शनिवार को सूर्योदय के समय अष्टमी और रविवार को नवमी तिथियां रहेंगी। सूर्योदय के बाद तिथियां बदलेंगी, जिसका उपासना और पूजापाठ पर असर नहीं पड़ेगा। लेकिन दशहरा का पर्व शाम को ही मनाया जाता है और दशमी तिथि रविवार सुबह 7.41 बजे को लग जाएगी। सोमवार सुबह 7.40 बजे तक के बाद एकादशी तिथि लग जाएगी। इसलिए रविवार को दशहरा मनाना श्रेयष्कर होगा।
25 साल बाद नवमी और दशमी एक ही दिन पड़ी: करीब 25 साल बाद नवमी और दशहरा एक ही दिन पड़ रहा है। ऐसा होना शक्ति और शौर्य का प्रतीक है। एक तरफ जहां मां दुर्गा की पूजा का चरम बिंदु होगा वहीं दूसरी ओर प्रभु राम के रावण पर विजय का पर्व होगा। यह असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। यह अच्छा संकेत है। सारी विनाशकारी शक्तियां भी नष्ट होंगी।
राजधानी में तीन जगहों पर रावण दहन कार्यक्रम
डब्ल्यूआरएस कॉलोनी: शहर में सबसे भव्य दशहरा उत्सव डब्ल्यूआरएस कॉलोनी का होता है, लेकिन कोरोना के चलते इस बार रविवार को सादगी से रावण दहन किया जाएगा। डब्ल्यूआरएस दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा ने बताया कि डब्ल्यूआरएस मैदान में रविवार शाम 7 बजे रावण दहन किया जाएगा।
रावणभाठा: यहां रावण दहन की परंपरा 200 साल पुरानी है। सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि शाम 6 बजे रावण वध करेंगे। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल रहेंगे। अध्यक्षता विधायक बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। इससे पहले दूधाधारी मंदिर से बालाजी की पालकी भजन मंडली के साथ यहां पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि मैदान में विशेष आतिशबाजी भी की जाएगी।
बीटीआई ग्राउंड: खम्हारडीह सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के मुख्य संयोजक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि मैदान में रविवार शाम 5 बजे भगवान राम की आरती होगी, फिर रावण दहन किया जाएगा। पिछले 72 सालों से यहां दशहरा मनाया जा रहा है। शासन के नियमों का पालन करते हुए 10 फीट का पुतला जलाया जाएगा। इस दौरान सिर्फ समिति के सदस्य मौजूद रहेंगे।