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ऐ कोरोना तूने यह क्या कर दिया..कंटेनमेंट जोन ने रोका मुर्दों का रास्ता, अंतिम संस्कार पर अघोषित रोक

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ नगर निगम के वार्ड क्रमांक 29 कयाघाट में बने कंटेनमेंट जोन ने मुक्तिधाम तक जाने के लिए मुर्दों का भी रास्ता रोक दिया है। उक्त मार्ग में नो एंट्री और कोरोना के भय से बाहरी लोग उक्त क्षेत्र में प्रवेश करने से भी कतरा रहे हैं। ऐसी स्थिति में शहरवासी शव के अंतिम संस्कार के लिए कयाघाट मुक्तिधाम की जगह दूसरा विकल्प ढूंढने को मजबूर हो गए हैं।  शहर का कयाघाट मुक्तिधाम शहर का सबसे पुराना मुक्तिधाम है। यहां शहर की आधी से अधिक आबादी मृतकों के शव के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचती है। मुक्तिधाम के चौकीदार बुधराम बसंत की मानें तो जब से क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं और क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। तब से रास्ते में बैरीकेट्स लगा दिए गए हैं। यही कारण है कि बाहर से एक भी शव जलने के लिए नहीं आया है। वार्ड पार्षद शौकीलाल बघेल ने बताया कि 21 अगस्त से क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। तब से मुख्य मार्ग पर बांस-बल्ली बांध कर लोगों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है। तब से अब तक मुक्तिधाम में सिर्फ एक-दो ही शव का अंतिम संस्कार किया गया है। जो कि कंटेनमेंट जोन के भीतर में निवासरत लोगों के ही हैं।

कंटेनमेंट जोन मना मजाक: कंटेनमेंट जोन को लेकर शहर में अलग अलग स्थिति है। कयाघाट की तरह शहर के कुछ जगहों में तो कंटेनमेंट जोन को बांस बल्लियों से सील कर पूरी तरह रास्ता रोक दिया गया है लेकिन ज्यादातर जगहों में रस्सी बांधकर औपचारिकता पूरी कर ली जा रही है। बावली कुंआ और धांगरडीपा के कंटेनमेंट जोन में खुलेआम शराबखोरी और जुआखोरी हो रही है।

अब वापस हो रहे लोग: चौकीदार बुधराम बसंत ने बताया कि पहले रोजाना शहर के किसी न किसी क्षेत्र से दो से तीन शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे लेकिन उक्त मार्ग में जब से कंटेनमेंट जोन बनाया गया है,तब से बाहर से मुर्दों की भी एंट्री रूक गई है और कंटेनमेंट जोन के भीतर के लोगों के अलावा शहर से कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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