Tuesday, December 3, 2024
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संभाग कमिश्नर का माथा टनका, तहसीलदार को जमकर फटकारा, दो पटवारी को जारी किया नोटिस

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के दुर्ग संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने कल संभाग के समस्त राजस्व अमलो को गिरदावरी के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतते हुए पूरी गंभीरता से करने के निर्देश दिए, वहीं दूसरी ओर वे स्वयं गांव की गलियों और खेतों के मेढ़ पर चलते हुए किसानों के खेतों तक पहुंचकर स्वयं गिरदावरी के कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। जिसके तहत उन्होंने संभाग के तीन जिले दुर्ग, बेमेतरा एवं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के ग्रामों में गिरदावरी कार्य का निरीक्षण किया।  दुर्ग जिले के धमधा तहसील अन्तर्गत धमधा में पटवारी हल्का नंबर 09 मे खसरा नं 1120 में पाया की कृषक के खेत में निर्मित मकान एवं सड़क का रकबा, फसल के रकबे में कम नहीं किया गया है। जिस पर संबंधित पटवारी हेमंत महंत को कारण बताओ नोटिस जारी किया, इसी प्रकार तहसील धमधा के ही ग्राम राजपुर में खसरा नं 139 के प्रतिवेदन में धान, तुवर, सोयाबीन एवं टमाटर की फसल दर्शाई गई है, निरीक्षण के दौरान संबंधित खसरे में सोयाबीन की फसल नहीं पाई गई, जिस पर पटवारी ओकार देशमुख को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया एवं तहसीलदार  देशलहरा को फटकार लगाते हुए गिरदावरी सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए।

 

 

 

खेतों में पहुंच गए संभागायुक्त : बेमेतरा जिले के साजा अनुविभाग के गातापार ग्राम में निरीक्षण के दौरान कावरे ने किसानों के साथ उनके खेत पहुंच कर गिरदावरी कार्य का अवलोकन किया एवं पटवारी विष्णु वर्मा द्वारा तैयार किए गए प्रतिवेदन का अवलोकन किया। इसी प्रकार खैरागढ- छुईखदान- गंडई जिला अंतर्गत गंडई अनुविभाग के उदान ग्राम में खसरा नं 200/1 के निरीक्षण के दौरान कृषक गौतम के खेत में लगे टमाटर के फसल का निरीक्षण किया एवं गिरदावरी कार्य का अवलोकन किया साथ ही उपस्थित किसानों को धान के बदले अन्य फसल के संबंध में भी सुझाव दिए। जिस दौरान तहसीलदार गंडई टीके वर्मा भी उपस्थित थे।

 

 

 

ऑनलाइन एंट्री भी हो शत प्रतिशत : संभागायुक्त कावरे ने किसानों के रकबे का खसरा और नक्शा का मिलान करते हुए पूरी पारदर्शिता और त्रुटिरहित करने के निर्देश तहसीलदार, पटवारी, आरआई सहित समस्त राजस्व अमले को गिरदावरी के कार्यों को गंभीरता से करते हुए गिरदावरी रिपोर्ट में खेत के मेढ़ में वृक्ष, धान के अलावा लगाए गए अन्य फसल का स्पष्ट उल्लेख करते हुए खसरा क्रमांक और वास्तविक रकबे में लगाए गए फसल का सही जानकारी दर्ज पर ऑनलाइन प्रविष्टि को भी प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए गए हैं।