Balrampur News : रामानुजगंज नगर सीमा से सटे वन विभाग के द्वारा बनवाए गए वन वाटिका (Van Vatika) में 20 दिसंबर से ही छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पड़ोसी राज्य झारखंड के बड़ी संख्या में सैलानी यहां पिकनिक मनाने पहुंचना प्रारंभ हो गए थे। वही 31 दिसंबर एवं 1 जनवरी को तो सैलानियों का जन सैलाब यहां उमड़ पड़ा था। अभी भी प्रतिदिन सैलानी यहां पिकनिक मनाने पहुंच रहे। यदि वन विभाग चाहे तो वन वाटिका को और विकसित कर सकता है।
नगर सीमा से सेट वन वाटिका (Van Vatika) बलरामपुर रामानुजगंज जिले के प्रमुख पिकनिक स्पॉट में एक है जहां लोग पिकनिक मनाना पसंद करते हैं यहां पर वन विभाग के द्वारा काफी कार्य किया गया है परंतु और भी कार्य करने की आवश्यकता है। रामानुजगंज में वन वाटिका को तात्कालिक स्व. रेंजर जयजीत केरकट्टा के द्वारा स्वरूप प्रदान किया गया था।
वन वाटिका के निर्माण के समय कई प्रकार के भविष्य में प्रावधान इसे विकसित करने के लिए किए गए थे। परंतु उसे प्रकार से वन वाटिका का विकास नहीं हो पाया। रेंजर स्व जयजीत केरकेट्टा के कार्यकाल के दौरान ही काफी कार्य हुआ था।जिसके बाद कार्य की गति मंथरा हो गई। यहां पर बेहतरीन लोकेशन में बने रेस्ट हाउस में छत्तीसगढ़ शासन के उच्च अधिकारी जब झारखंड जाते हैं तो यहीं पर रुकना पसंद करते हैं यहां पर कई छत्तीसगढ़ शासन के वरिष्ठ आईएएस आईपीएस रुक चुके।
चिल्ड्रन पार्क बनते ही टूटा…… वन वाटिका (Van Vatika) में चिल्ड्रन पार्क बनाया गया था। जहां विभिन्न प्रकार के झूले एवं अन्य कई प्रकार के संसाधन बच्चों के खेलने, कूदने मनोरंजन के लिए लगाए गए थे। परंतु सब बनते के साथ ही टूट गए बताया जा रहा है कि खुला मैदान में लगाए गए विभिन्न प्रकार के झूलों में अधिक उम्र के लोगों के झूलने के कारण टूट गया।
टूटे झूलो को देखकर बच्चों को हो रही है निराशा…… यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ आते है। बच्चे वन वाटिका में जाते ही झूलों की ओर दौड़ पड़ते हैं परंतु जब टूटे झूले देखते हैं तो उन्हें गहरी निराशा होती है। यदि झूलो का मरम्मत हो जाए तो बच्चों के चेहरे खिल जाएंगे।